नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज लेंगे दो अनुभवों को एक अनुभव में जहां हम माता गंगा के दर्शन से संबंधित एक अनुभव को प्राप्त करेंगे वही दूसरे अनुभव में एक साधक जो दीक्षा लेना चाहते हैं उनके उनकी पत्नी के साथ गंभीर बिगड़ते संबंधों के बारे में विशेष तरह का एक अनुभव प्राप्त हुआ है तो चलिए देर न करते हुए शुरू करते हैं आज के अनुभवों को।
पत्र -प्रणाम गुरुदेव आपको नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य देखने वाले सभी दर्शकों को और बहनों को नमस्ते। मेरा यह अनुभव सिर्फ और सिर्फ धर्म रहस्य चैनल को भेज रहा हूं। यह अनुभव किसी दूसरे चैनल पर प्रकाशित नहीं होगा। मैं इसकी जिम्मेदारी लेता हूं। गुरु जी मेरा नाम अमन है मैं बक्सर विश्वामित्र की नगरी में रहता हूं यह बक्सर! बिहार राज्य में पड़ता है जहां पर भगवान श्री राम ने ताड़का राक्षसी को मारा था। अब मैं अपने मुख्य विषय पर आता हूं। गुरु जी यह बात मेरी दादी ने मुझे बताई थी। यह बहुत ही पुरानी बात है। पर सच्ची है दादी की दादी यानी कि दादी की मां की सास की यह कथा है। वह रोज गंगा नहाने जाती थी। पूजा पाठ करती थी। एक दिन वह रोज की तरह गंगा नदी नहाने गई और पानी में डूब गई। किसी तरह यह बात घर वालों को पता चली तो सब रोने लगे। लाश भी नहीं मिल रही थी खोजने पर भी नहीं फिर उनका पुतला बनाकर दाह संस्कार कर दिया गया। फिर अंतिम क्रिया अच्छे से विधि विधान से किया गया जब सबकुछ धीरे-धीरे खत्म हो गया तो 1 दिन दादी की दादी जो पहले डूब कर मर चुकी थी। गंगा नदी में वह बाहर निकल जाती हैं जिंदा, यह देखकर वहां पर सारे लोग यह बात जानते हैं और डर के चिल्लाते हुए भागने लगते हैं। गुरुजी नदी में डूबे हुए 19 दिन हो चुके थे और इस तरह अचानक आना सबके लिए डर की ही बात थी। यह बात घर पर पता चली घरवाले जानते थे कि घाट पर जहां वो डूबी थी, वहां पर जाते हैं तो उनको जिंदा देखकर सब लोगों के होश उड़ जाते हैं।
उनको देखकर क्योंकि उनका सारा शरीर गहनों से लगा हुआ था। वह बहुत अधिक सुंदर लग रही थी। उस उम्र में, फिर उनके पति घर चलने के लिए बोलते हैं और वह घर आती है। सब बात बताती वह बोलती है कि मुझे मां गंगा ने अपने घर में रखा था। नदी के अंदर भी सुंदर महल था। उसी में मां रहती थी। वह मुझे अपने पास रखती थी। मैं वहां पर बहुत खुश थी। फिर धीरे-धीरे एक दिन खत्म हो गया। मां ने कहा, तुम रोज नदी नहाने आती हो और तुम मुझसे कुछ ना कुछ मांग कर बस यही मांगती थी कि मां कभी तो मुझे दर्शन दो। आज मैं तुमको दर्शन दे दी हूं। अब तुम्हारे जाने का समय आ गया है। अपने घर पर मनाओ क्या मांगती हो और वरदान में जो तुम मांगोगी? मैं तुमको वही दूंगी। बोलो दादी की दादी ने कहा, मैं कुछ नहीं चाहती। मां आपने जो मुझे सब कुछ दिया है, अब कुछ बाकी नहीं है। मैं तो दर्शन पाकर धन्य हो गई। मां ने फिर पूछा, मांगो मैं तुमसे बहुत खुश हूं। मांगो तो दादी ने कहा, मैं आपसे यही मांगती हूं कि जब तक इस धरती पर मेरा कुल और खानदान जीवित रहे, तब तक इस कुल खानदान में किसी कभी नदी या तालाब में डूब कर कोई ना मरे। तब माता ने मुस्कुराते हुए वरदान दे दिया और उनको घाट पर पहुंचा दिया। वहां पर पहुंचा कर वह गायब हो गई। आज तक कोई भी मेरे घर में कभी भी किसी नदी या तालाब में नहीं डूबा है, चाहे कितना भी पानी हो? चाहे बाढ़ आ जाए या सुनामी! तो मैं गुरूजी बक्सर गंगा नदी के पार कर उस पार रहता हूं। यही अनुभव था। गुरु जी आप इसे जरूर प्रकाशित करिएगा। प्रणाम जल्द ही एक नए अनुभव को लेकर आऊंगा तब तक धर्म रहस्य के सभी चैनल के लोगों को नमस्कार भगवान का आशीर्वाद मिलता रहे? नमस्कार गुरु जी!
संदेश -तो देखिए इस प्रकार से आप जान सकते हैं कि इन की दादी की दादी के जीवन में माता गंगा ने उन्हें साक्षात दर्शन दिए थे और इन दर्शन के कारण अब उन्हें वरदान के रूप में ना डूबने और पानी में बचे रहने का वरदान भी प्राप्त हुआ है। इसी प्रकार का एक अनुभव जो बहुत ही दुखद स्थिति को दर्शाता है। एक व्यक्ति ने भेजा है तो चलिए पढ़ते हैं उनके पत्र को।
पत्र -प्रणाम गुरुजी मेरा नाम… है, मेरी उम्र 40 वर्ष है मैं गांव देवपुरा तहसील चोमू जिला राजस्थान का रहने वाला हूं। मैं आपके यूट्यूब चैनल से लगभग 2 साल से जुड़ा हुआ हूं। मुझे आपके सारे वीडियो अच्छे लगते हैं और मुझे विश्वास है। मैं शादीशुदा भी हूं और मेरे दो बच्चे हैं। एक लड़का और एक लड़की और मेरा परिवार बहुत परेशान है। हमारी आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। मुझे कुछ भी रास्ता नजर नहीं आ रहा। गुरुजी मदद करें। गुरुजी में अपने जीवन की पूरी कहानी आपको बताता हूं। कृपया मेरी ईमेल आईडी और पता किसी को ना बताएं। मेरे परदादा चार पांच भाई थे। बहुत अच्छे जमीदार थे जिनमें एक के सिर्फ लड़की थी।
लड़का नहीं था। मेरे दादा अपने पिताजी के अकेले थे जिनके लड़का नहीं था। उनकी मृत्यु हो गई तो उनकी जमीन मेरे दादाजी को मिल गई। मेरे दादाजी के पास सबसे ज्यादा जमीन हो गए। मेरे दादा जी गांव के कच्चे मकान में रहा करते थे। मेरे दादाजी के तीन औलाद हुई एक लड़का दो लड़की मेरे दादाजी ने दोनों लड़कियों यानी मेरी बुआ की शादी एक ही घर में दो भाइयों से कर दी इस जिले राजस्थान में और लड़का यानी मेरे पापा अपने पिताजी के अकेले होने के कारण गलत संगत में पड़कर जुआ और शराब की लत में पड़ गए। मेरे दादाजी ने उनकी शादी करवा दे। मेरी मम्मी के लड़का हुआ लेकिन वह खत्म हो गया। फिर दो लड़की हुई वह भी खत्म हो गई। तो मेरे दादाजी ने खेत में मकान बनाया और वहां आकर रहने लगे, लेकिन मकान पूरा नहीं बना, अधूरा रह गया। मेरी मम्मी की लड़की हुई लड़का नहीं हुआ। उधर मेरे बड़े फूफा जी संत साधुओं के साथ ज्यादा संगत थी। मेरे फूफा ने एक संत से कहा, मेरे साले यानी मेरे पापा के लड़का नहीं हो रहा है। तब संत जी ने कहा, चिंता मत कर लाइन लग जाएगी। उसके बाद मैं पैदा हुआ।
मैं जब 2 साल का था तब मेरी दादी का स्वर्गवास हो गया। तब मेरी बुआ हमारे घर 1 साल रही जो बुआ के पास ही मै रहने लगा। यानी मैं बुआ के अलावा किसी के पास नहीं रहता था। उस समय मेरे एक बहन और हो गई जब मेरी बुआ अपने ससुराल जाने लगी तो मेरे पापा ने मेरी बुआ से कहा तो इसे ले जा यह तेरे बिना नहीं रहेगा। तब मेरी बुआ मुझे अपने साथ अपने ससुराल लेकर आई। मैं यहीं पर बड़ा हुआ और वही सरकारी स्कूल में पढ़ने लगा। मेरे फूफा और वह संतों की संगत में हर महीने सप्तमी को जाया करते थे रात में। मुझे भी वहां ले जाते थे। धीरे-धीरे 10वीं पास कर ली। बाद में मेरे दो बहने और तीन भाई और हैं। हम चार भाई और तीन बहने हैं दसवीं पास करने के बाद मेरे पापा मुझे लेने बुआ के यहां आए लेकिन मेरा मन इतना लग गया था कि मैं पापा के साथ आने को तैयार नहीं था। फिर भी मेरे पापा मुझे जबरदस्ती लिया है। फिर मैं भाग गया बुआ के पास ऐसा कई बार हुआ। मेरा मन अपने घर में नहीं लगता था। अब मेरी दो बहनों की शादी हो गई थी फिर 2004 में। नोएडा उत्तर प्रदेश चला आया। वहां मेरी बुआ का लड़का जो मुझ से 10 साल बड़ा है।
एक कंपनी में काम करता था। उस कंपनी में मैं भी नौकरी लग गया। फिर मेरे पापा ने हमारे पुराने मकान को पूरा बनाने की सोची और काम शुरू कर दिया। मैं भी कर जाकर के मकान के लिए पैसे दिए। तब तक मेरा छोटा भाई भी कमाने लग गया। उसने भी पैसे दिए मकान में पैसे दिए मकान पूरा हो गया। अब मेरे और दो भाई पढ़ाई पूरी कर कमाने लग गए। अब मेरी सगाई हो गई। वह भी मेरी बुआ के घर पर कुछ आपसी मनमुटाव के चलते मेरी मम्मी पापा भाई-बहन कोई नहीं आया मेरी सगाई में। अब मेरी शादी तारीख 24/11/2012 नजदीक आ रही थी। किसी कारणवश मेरी शादी भी मेरी बुआ के घर से ही होना तय हुआ। इसी 20 महीने मेरी बुआ ने मेरे घर वालों को खूब आने का आग्रह किया, लेकिन कोई भी नहीं आया। मेरी शादी मेरे परिवार वालों के बिना ही हो गई। फिर मैं अपनी बीवी के साथ अपने किराए के रूम में रहने लगा। अब मेरी बीवी के बच्चा होने वाला था। 2 महीने बाकी रह गए थे। तब मैंने अपनी बीवी को अपनी बुआ के यहां छोड़ दिया। गुरुजी मेरी बीवी ज्यादा समझदार नहीं है। मेरी बीवी के एक कन्या का जन्म हुआ। प्राइवेट हॉस्पिटल में 22/12/2013 को सर्दियों में 1 महीने की कन्या को मुझे मजबूरी में अपने साले की वजह से अपने साथ। अपने रूम पर लाना पड़ा। फिर मेरी सास ने मुझ पर दबाव डाला। अपने घर पर रहने के लिए फिर मैं अपने बच्चों को अपने घर छोड़ दिया। फिर मेरी बीवी का एक बच्चा पेट में ही खराब हो गया। फिर 2 साल बाद मेरे घर पर सरकारी हॉस्पिटल में मेरी बीवी के लड़का हुआ। 6 साल 2016 को उसके छह महीने बाद मेरी बीवी को मुझे घर वालों से अलग करना पड़ा। इस बीच मेरे एक भाई और एक बहन की शादी हो गई थी। फिर एक दिन वह मनहूस रात आयी है। जब मेरा सबसे छोटा भाई मेरी बीवी के कमरे में घुसकर जबरदस्ती उसका रेप किया। रात को 2:00 बजे मेरी बीवी ने मुझे फोन किया, लेकिन मेरा फोन उस दिन साइलेंट था।
वैसे मैं अपना फोन अब? साइलेंट नहीं रखता। मेरी बीवी ने मुझे फिर सुबह बताया। मैंने कहा, तूने मम्मी पापा को क्यों नहीं बताया। उसने कहा, रात को मेहमान भी आए हुए थे और घर की इज्जत खराब हो जाती। उसके बाद गुरुजी मन खराब रहने लगा और आज भी किसी पर विश्वास नहीं होता। इसके चलते हमारे मियां बीवी के झगड़े बढ़ गए हैं। घर टूटने की लास्ट स्टेज पर आ गया है। गुरुजी कुछ रास्ता बताएं। रिश्ता टूटने से बच जाए। मेरी शादी में सारा पैसा मैंने कर्ज में लगाया था। शादी से पहले कर जाकर के घर पर दिया। इसके चलते 4 से 500000 लाख का कर्जा मुझ पर हो गया है। घरवालों पर भी कर्जा है। मकान पर भी भाई ने लोन उठा रखा है। जिसकी किस्ते नहीं जमा हो रही गुरुजी कुछ भी समझ में नहीं आ रहा। लॉकडाउन के चलते सब की नौकरी भी छूट गई है। मेरे साथ गुरु जी ऐसा क्यों हो रहा है गुरु जी मैं अपनी भी बच्चों से बहुत प्यार करता हूं। मेरी बीवी भी मुझसे बहुत प्यार करती थी, लेकिन 1 महीने से पता नहीं उस पर किसी ने कुछ जैसे करवा दिया है। एक कमरे में रहते हुए भी मुझसे बोलती नहीं, गुरुजी कुछ समाधान बताएं। गुरु जी मैंने गुरु दीक्षा वीडियो डाउनलोड किया है। गुरुजी राजस्थान में लॉकडाउन लगा हुआ है और कुछ पारिवारिक समस्याओं के चलते गुरु दीक्षा नहीं ले पा रहा हूं। गुरु जी 10 तारीख के बाद कोई अच्छा दिन और मुहूर्त बताएं। प्रणाम गुरुजी!
सन्देश – तो देखिए सबसे पहले आप गुरु मंत्र की दीक्षा जल्दी से जल्दी ले लीजिए और अपनी पत्नी को भी गुरु मंत्र की दीक्षा अवश्य दिलवाइये है ताकि उनके ऊपर अगर कोई ऐसा प्रयोग किया गया है तो वह हट सके। वही बात जो बातें हो चुकी हैं, उनको तो सुधारा नहीं जा सकता। लेकिन आगे आप अपनी बीवी को प्रेम दीजिए। उनकी बात सुनिए, उन्हें समझाइए और धर्म की राह पर ले करके आइए क्योंकि जब व्यक्ति धर्म की राह पर आ जाता है तो फिर वह गलत करने के बारे में कभी नहीं सोचता है। आपको? उनको मेरे वीडियोस भी दिखाने चाहिए ताकि वह इन चीजों से भी प्रभावित हो। दोनों लोग अगर एक साथ गुरु मंत्र का जाप करेंगे तो कुछ दिनों में ही आप दोनों के मन में नकारात्मक बातें है, वह नष्ट हो जाएंगे और आपका पारिवारिक जीवन फिर से सुधरने लगेगा। रही बात आर्थिक स्थिति की तो उसके लिए गुरु मंत्र का जप हवन करें तो उसमें आप माता लक्ष्मी से प्रार्थना करें कि हमारी आर्थिक स्थिति संभालने के लिए माता आप गुरु मंत्र के माध्यम से हमारी समस्याओं को हल कीजिए और आपको मैंने ईमेल के माध्यम से बता ही दिया है कि कौन सी तारीख है। आपके लिए शुभ रहने वाली हैं तो यह था आज का वीडियो अगर आपको यह पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। चैनल को आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।