चरण स्पर्श गुरूजी मैंने एक साधना ऐसे परखने मात्र से की थी काम पिशाचिनी की फिर छोड़ दिया था तब से सपने मे आकर महीने मै एक दो बार सपने मै आती ही आती थी l ये अनुभव मैंने पहले भी send किया था आपने बताया था की ये सपने wali चुड़ैल कोई ओर नहीं जो काम पिशाचिनी ही है l जब से मै हनुमान जी की पूजा करने लगा इसे अपना पीछा छुड़ाने के लिये, लेकिन जब से मैंने हनुमान जी की पूजा की मै बीमार हो गया और पूजा तक नहीं कर पाया मै l मुझे जुखाम खासी हो गया इतना ज्यादा जुखाम हो गया की मुझे कान मे इन्फेक्शन भी हो गया था l
कम से कम मे 2 महीने तक बीमार चला ओर वो चुड़ैल फिर सपने मे आई ओर बोली और करले हनुमान की साधना और जोर जोर से हसने लगी l एक बार जब मै रात को सो रहा था, मेरे पूरे शरीर मे तेज कंपन महसूस हुआ l मेरी आँखे न हीं खुल रही थी, बड़ी मुश्किल से उठा रात के 1बज रहे थे, शरीर पूरा गरम हो गया था जैसे बुखार चढ गया हो और मैंने अपने आप को शीशे मे देखा तोह मेरी eyes की पुतलिया ब्लैक थी और मै डर गया अपने आप को देख कर के, लेकिन फिर दूसरी बार देखा ऐसा कुछ नहीं था मुझे पता था ये भरम नहीं था l वो काम पिशाचिनी ही कुछ ना कुछ करें जारी है ओर करती ही रहेगी जब तक इसे मे अपने आप को मुक्त नहीं करता
मै कोई भी साधना करता जैसे गायत्री की या हनुमान जी की कोई फरक नहीं पड़ता करा ना करा बराबर, जब भी करता सपने मे एक लड़की सायद woh चुड़ैल ही सम्भोग करती मेरे साथ और गुस्सा ऐसा आता की मेरी आँखो मे खून तक उतर आता, आँखे लाल हो जाती मेरा फेस भी बदल सा जाता, ऐसा घर वाले बोलते भी है l बार बार ब्रम्हचर्य का नाश हो जाता मेरे दिमाग़ मे गंदे गंदे चित्र आये जाते और शरीर मे ऐसी ताकत की किसी को भी उठा कर पटक दू ओर जबरदस्त हड़कल होती कही टिक कर नहीं रह सकता था घूमता ही रहता, कही नही कही थकता l इन सबको देखते हुए घर वालो ने सुरक्षा कवच दिया अपने पास रखने के लिये इससे जो चुड़ैल सपने मे आती थी ऐसे सपने तोह आने बंद हो गये लेकिन उसका दूस प्रभाव जारी राहा मुझ पर l
वह चुड़ैल कभी कभी दिन मे भी सेकंड से भी कम time मे दिखती और गायब भी हो जाती ऐसा मेरे साथ कभी कभी होता ऐसे दिन गुजरने लगे, ना मे जी रहा था ना मै मर रहा था l मेरी माता जी रामायण का पाठ करती है और गायत्री की माला भी जपती है ऐसे ही शाम को जब मेरी माता जी पूजा करने लगी गायत्री की माला जप रही थी मेरे को पता नहीं क्या मन मे आया जब मेरी माता जी माला जप रही थी गायत्री की, तब मै उनकी गोद मे जाकर के लेट गया उन्होंने सिर पर हाथ रखा आज्ञा चक्र पर मुझे आराम सा लगा, जैसे की जब गर्मी मानसून की पहली बारिश होती है ठंडी हवा चलती है ऐसा आनंद आया मै हल्का सा महसूस करने लगा जैसा पहले हुआ करता था मेरी माता जी ने कहा पूजा समाप्त होने के बाद की उन्हे ऐसा लगा की मेरे सिर आज्ञा चक्र से कोई ऊर्जा निकल रही है, मेरे आज्ञा चक्र से मेरी माता के अंदर एक आग सी गई हो उनके पैरो मै हज़ारो मच्छर चिपट gye हो ये इसलिए की मुझे हटा दे जल्दी से गोद मे से, लेकिन मेरी माँ समझ गई और नहीं हटाया फिर सबकुछ normal हो गया ओर इस तरह मुझे इस शक्ति से मुक्ति मिली अब गुस्सा नहीं आता लेकिन अभी ज्यादा दिन नहीं हुए 4 दिन ही हुए है और एक आधी बार लाइट भी जली ओर बुजी थी टीवी भी अपने आप बंद हुआ था शायद ये ऐसे ही हो भरम हो गुरूजी आप बताइये की मुझे इस काम पिशाचिनी जो अधूरी छोड़ दी थी इससे मुझे मुक्ति मिल गई ना l
दूसरा अनुभव –
गुरु देव को सादर नमस्कार मैं अपने सभी अनुभव धर्म रहस्य चैनल को अपनी मर्ज़ी से सांझा कर रही हूं और किसी दूसरे चैनल पर मेरा कोई अनुभव सांझा नही होगा इसकी पूरी ज़िमेदारी मेरी हैं गुरु जी मैने आपसे गुरु मंत्र लिया और अपनी मां को भी गुरु मंत्र दिलवाया ताकि वो 2 आत्माएं मेरी मां पर हावी ना हो दरसल मेरे पिताजी 1 साल से बहोत अजीब सा बर्ताव कर रहे थे पागलों की तरह बड़बड़ाते कभी कभी तो रात के 2 या 3 बजे तक l हमने सोचा की बोहोत जायदा शराब पीने की आदत के कारण नशे में बड़बड़ाते है शुरू में हमने ध्यान ही नही दिया मेरे भाई को पढ़ाने के लिए उसके टीचर घर आए माँ और मैं दोनों ही अंदर कमरे में चले जाते और उस टीचर के जाते ही पिताजी कमरे में आकर मा को बोले की शर्म नहीं आती तुझे इस उम्र में ये सब कर रही है वो भी जवान लड़के के सामने, मां को गुस्सा आया और वो भी चिल्ला कर बोली की क्या मतलब है तुम्हारा तब पिताजी बोले की तू बाहर आकर उस टीचर को फ्लाइंग किस क्यू कर रही थी और वो भी तुझे देख कर इशारे कर रहा था
ये सुनकर मेरी मां ने रोते हुए कहा की एक उम्र में मुझको ये सब सुनना पड़ रहा है एक बार दोनो बाज़ार गए और मा रोती हुई घर आई और बोली की पूरे मोहल्ले में मुझे मूंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा इस पागल आदमी ने, पिताजी सीढियो पर ही लोगो के सामने मां को बोले की सुधरे गि नही हर आदमी को देख कर इशारे करती है पूरी सोसाइटी के लोग घरों से बाहर निकल कर सुन रहे थे l ऐसा कई बार होता था एक रात पिताजी मां का गला पकड़ कर बोले की मेरे पित्रो ने मुझे बताया की तेरी पत्नी के लक्षण ठीक नहीं l मां रोते हुए बोली की इस तरह रोज़ रोज़ जलील करने से अच्छा है कि तू मुझको मार डाल, कभी पिताजी को घर में कोई साया घूमता हुआ नज़र आता तोह कभी कुछ और l
जिस महिला पर काली आती थी जब मेरी मा उसके आगे रोने लगी तोह उसने ध्यान करके बताया की जो कुछ भी तुम्हारे पति को दिखाई देता है जैसे कि तेरा टीचर को देख इशारे करना, ये सब तुम्हारे पति को दिखाया जाता हैं, उसकी आंखो पर परदा डाला हुआ है, ताकि वो आत्म हत्या कर ले तब ये आत्माएं तेरे पति को अपने साथ लेकर चली जाए l पूरी बात बताते हुए वो बोली की एक साल पहले तुम्हारा पति मास मदिरा करके जिस चौराहे से गुज़रा वहाँ दो आत्माएं भटक रही थी और तेरे पति की तरफ आकर्षित होकर उसके पीछे पीछे घर तक आ गई l अब वो तेरे पति के दिमाग पर हावी होकर उसको एैसे नज़ारे दिखा कर उसे आत्म हत्या करने के लिए मजबूर कर रही है l
उसने जो उपाय बताएं उसके कारण आत्माए पिताजी से दूर हो गई लगा कि सब ठीक हो गया है, पिताजी शांत होने लगे थे पर कुछ हफ्तों बाद घर में क्लेश फिर से शुरू हो गया उस महिला ने बताया की मंत्रो की शक्ति खत्म हो गई और ये आत्माए फिर से हावी हो गई फिर उस महिला ने कहा की अब मैं तुम्हारी मदद नहीं कर सकती क्युकी अब मा काली चौकी लगाने का आदेश नही दे रही है एक बार पिताजी ज़मीन पर बैठ कर अकड़ गए और बोले की मैं तुम सब को खा जाऊंगा हम दो लोग हैं और हम दोनों ही तुम दोनों को लड़ा रहे है l
रोज़ रोज़ के क्लेश से मां तनाव में आ गई कई बार मां ने आत्महत्या करने की कोशिश की तब मैंने वीडियो के माध्यम आप से गुरु मंत्र और हवन की शक्ति के बारे में सुना तो मैंने आपसे गुरु मंत्र लिया और हवन किया स्वप्न में देवी ने कन्या रूप में दर्शन दिए और भैरव जी ने बाल रूप में दर्शन दिए l
हवन की राख को पूरे घर में उड़ाया और अब पिताजी ठीक है घर में शांति है इसीलिए मैने मां को भी आपसे गुरु मंत्र दिलवाया ताकि मंत्र की ऊर्जा से तनाव और बूरी शक्तियों से देवी मां मेरी मां की रक्षा करें धन्यवाद
गुरू देव को सादर नमस्कार गुरु जी गुरु मंत्र के हवन के बाद 100 में से 90 प्रतिशत पिताजी के स्वभाव में अंतर आया है क्युकी अब वो मां के साथ हसी मज़ाक करते हैं पहले कुत्ते की तरह काटने को आते थे लेकिन अब घर में क्लेश नही होता लेकिन उन आत्माओं का थोड़ा असर है, कभी कभी पिताजी मां को ताना मारते हुए बोलते हैं कि कुछ साल पहले तू गलत रास्ते पर चल पड़ी थी जब मां ने दूसरी बार आत्महत्या करने की कोशिश की थी तब पिताजी पर वो आत्माए हावी होकर बोली अब हम कहीं नही जायेंगे आज से घर में हमारी खाने की थाली रोज़ लगाना
गुरु जी जब मेरी मां आपकी आवाज़ सुनती है तो खुश होती है मेरी आपसे निवेदन है की आप इसपर वीडियो बनाए ताकि जब मेरी मां अपने गुरु के मूह से अपने अनुभव सुने तो उनके चेहरे पर मुस्कान आए बाकी आपकी मर्ज़ी l
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