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गुरु मंत्र के अनुभव और चमत्कार

गुरु मंत्र के अनुभव और चमत्कार

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम गुरु मंत्र के अनुभव और चमत्कार के विषय में बात करेंगे और यह एक अनुभव एक साधक महोदय के द्वारा भेजा गया है तो चलिए पढ़ते हैं इनके पत्र को और जानते हैं इस अनुभव के विषय में।
चरण स्पर्श, प्रणाम गुरुजी धर्म रहस्य परिवार के सभी साधक भाइयों एवं बहनों को जय मां पराशक्ति जय मां दुर्गा गुरु जी कृपया मेरा ईमेल और नाम पता ना बताए। मैंने आपके कहे अनुसार गुरु मंत्र का अनुष्ठान 1 वर्ष के अंदर हवन अर्पण तर्पण मार्जन कन्या भोज सहित पूरा कर लिया है। मैं इसके कुछ अनुभव धर्म रहस्य चैनल के साधक भाइयों के साथ साझा करना चाहता हूं। मेरा अनुभव भेजने का उद्देश्य गुरु मंत्र के प्रति आस्था को बढ़ाना है। गुरु जी जैसा कि मैंने आपको कुछ दिन पहले गुरु मंत्र का अनुभव भेजा था। लेकिन उस समय मेरा गुरु मंत्र का अनुष्ठान पूरा नहीं हुआ था। गुरु जी जैसा कि मैंने आपसे पूछा था। कि मुझे माता पराशक्ति के दर्शन क्यों नहीं हुए तो आपने बताया था कि अनुष्ठान के बाद हो जाएगा। गुरु जी आपकी वाणी सिद्ध है। आपका कहां हुआ बिल्कुल सत्य हुआ है और एक रात सपने में माता ने मुझे 18 भुजा वाली माता के रूप में दर्शन दिए। उनके साथ में शिवलिंग स्वरूप में भगवान शिव जी भी थे माता के दर्शन मुझे तस्वीर स्वरूप में हुए थे। गुरु जी मेरे अनुसार माता के दर्शन चाहे जिस भी स्वरूप में हो, उन्हें कभी छोटा या बड़ा नहीं समझना चाहिए। एक रात सपने में मुझे आप और गुरु माता दिखी थी। आप मेरे घर आए थे और बिस्तर में आराम कर रहे थे तो मैंने मन में आपके चरणों की सेवा करने की इच्छा की थी। मैंने यह सोच कर मन में सोचा लेकिन

गुरु जी मैंने आपसे बोला भी नहीं और आपने पैर मेरी तरफ कर दिए थे और मैं आपके पैर दबाने लगा। कुछ देर बाद आप बाहर चले गए। फिर मैं भी आपके पीछे-पीछे बाहर आ गया और मेरा सपना टूट गया। उसके बाद एक दिन मैंने देखा कि आप क्लास रूम में हम लोगों को पढ़ा रहे हैं तो उस समय मेरे पास आपको देने के लिए कुछ भी नहीं था तो मैंने आपको एक चॉकलेट भेंट की और आपने उसे स्वीकार कर लिया था। गुरु जी इसी तरह मुझे सपने में भगवान शिव जी के और माता के दर्शन होते रहते हैं। लेकिन मुझे भगवान शिव जी के ज्यादा दर्शन होते हैं। अभी आपके चैनल पर अप्सरा का अनुभव आया था तो उन्हें भगवान! शिव जी के दर्शन हो गए थे तो मैंने अनुभव सुनने के बाद माता से और भगवान शिव जी से प्रार्थना की कि मुझे भी दर्शन देने की कृपा कीजिए। गुरु जी उस रात को सपने में मैंने देखा कि मैं एक रथ में बैठा हूं और उसमें आगे जो बैठे थे वह कह रहे थे। मैं कर्ण हूं और फिर मैं एक मंदिर में गया जिसमें सभी देवी और देवता थे। वहां पांडवों और कौरवों का मुकुट रखा हुआ था। तीन-चार मुकुट तो बड़े-बड़े थे और कोई कह रहा था कि यह पांडवों और कौरवों के मुकुट है। फिर एक लड़की ने मुझे कहा कि आपको गायत्री उपासना करनी चाहिए। आप उसका सवा लाख का अनुष्ठान कीजिए और दशांश हवन कीजिए तो मैंने कहा, मैं तो गुरु दीक्षित हूं और मैंने उसका अनुष्ठान और हवन भी पूरा कर लिया है और मेरा पूरा जीवन माता को समर्पित है तो इतने में वहां पर हनुमान जी आ गए।

वह मुझ पर क्रोधित हो गए और वहां पास कुछ ऋषि थे मुझे कुछ समझ में नहीं आया, फिर मेरा सपना टूट गया, क्योंकि गुरु जी इस समय में महाभारत ज्यादा देखता हूं तो हो सकता है कि इस वजह से ऐसा सपना आया हो। आप जैसे महान गुरु से गुरु मंत्र लेकर मेरा जीवन धन्य हो गया है। मैं अध्यात्म के मार्ग में तेजी से आगे बढ़ रहा हूं।

मैंने गुरु मंत्र का सात्विक संकल्प लिया है और कई बार मुझसे आनजाने में गलतियां भी हुई है लेकिन गुरु शक्ति माता जगदंबा और भगवान शिव जी ने मुझे कई बार माफ किया है क्योंकि अगर गलतियां जानबूझकर ना की जाए तो माफी कर दी जाती है क्योंकि गुरु जी मैं चिकन मांस अंडा मछली शराब कुछ भी नहीं खाता पीता हूं यहां तक कि लॉन्ग भी नहीं खाता हूं इसीलिए मैंने सात्विक संकल्प धारण किया है पेप्सी कोकोकोला वगैरह कभी-कभी पी लेता हूं मेरे अनुसार गुरु जी अगर कोई माता की सेवा करता है तो उसे मांस मछली किसी जीव का मांस का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए शराब भी नहीं पीना चाहिए क्योंकि माता तो सभी के लिए समान होती है अगर कोई मुर्गा मछली बना है तो वह बेचारा अपने कर्मों से बना है बड़ी मुश्किल से मनुष्य जन्म मिलता है और उसने भी अगर यह सब व्यसन में लगा रहा इंसान तो फिर मतलब ही क्या है क्या हम अपनी माता की सेवा के लिए इतना नहीं छोड़ सकते हैं इतना त्याग नहीं कर सकते हमें तो गुरु जी ने जंगल में तपस्या करने के लिए नहीं बोला है घर छोड़कर जाने के लिए नहीं बोला है क्योंकि जो इतनी ठंड में वहां साधु संत तपस्या करते हैं क्या वह मनुष्य नहीं है तो हमें इतना तो छोड़ ही देना चाहिए क्योंकि चिकन तो खाने के लिए आपको रेडीमेड तैयार मिलता है लेकिन उसके पीछे जो जानवरों की चीख होती है जो तड़पते हैं वह आपको नहीं सुनाई देती है जब आप यह सब खाते पीते हो तो माता को पूर्ण समर्पित कहां से हुए माता को क्या समर्पित किया है मैं सभी साधक भाइयों एवं बहनों से यही निवेदन करूंगा कि कृपया चिकन मांस खाना बंद कर दे बाकी आपकी मर्जी क्योंकि माता आपको पूर्ण रूप से आपकी भक्ति तभी स्वीकार करेंगी जब आप पूर्ण सात्विक हो जाएंगे जब आपके अंदर सभी जीवो के लिए मातृत्व का भाव जागृत होगा गुरु मंत्र की सहायता से गुरु जी मेरी हर मुसीबत से रक्षा होती है जब से आपसे गुरुमंत्र लिया है तो माता और भगवान शिव जी हमेशा मेरी रक्षा करते हैं
गुरु दीक्षा लेने से पहले मैं भी यही सोचता था कि गुरु बनाने से क्या लाभ ऐसे ही तांत्रिक साधनाओ में सफल हो जाऊंगा भगवान शिव जी को गुरु मान लेता हूं माता को गुरु मान लेता हूं लेकिन ऐसा नहीं है आपके पास जीवित गुरु होना बहुत आवश्यक है बहुत लोग सोचते हैं कि बिना गुरु दीक्षा लिए तांत्रिक साधना में सफल हो जाएंगे आध्यात्मिक जीवन सफल हो जाएगा तो भूल जाइए क्योंकि स्वयं भगवान श्री राम जी ने और श्री कृष्ण जी ने और परशुराम जी ने भी गुरु बनाएं हैं तो हमारे लिए गुरु बनाना कितना आवश्यक है
गुरुजी जो आप अपने चैनल के माध्यम से ज्ञान देते हैं वह बहुत ही अद्भुत ज्ञान है जो भक्तों को पूर्ण संतुष्टि प्रदान करता है क्योंकि मैंने और भी चैनल देखे हैं लेकिन वहां यह सब सुनने के लिए नहीं मिला लेकिन मैं अब और किसी का चैनल नहीं देखता केवल धर्म रहस्य चैनल ही सब्सक्राइब किया है मैं पूर्ण रुप से आपके प्रति और माता के प्रति समर्पित हूं मै धन्य हूं कि मुझे आप जैसे महान गुरु की प्राप्ति हुई साधना क्षेत्र में चलना इतना आसान नहीं उसमें लोगों की बातें भी सुननी पड़ती हैं लेकिन धैर्य रखकर चलना चाहिए क्योंकि साधना क्षेत्र में आए बगैर मनुष्य अधूरा है और बहुत से साधक भाई गुरु जी के इंस्टामोजो के साधनाओं के माध्यम से कम समय में लोगों ने अद्भुत सफलता प्राप्त की है कुछ मेरे गुरु भाई भी हैं जो साधना करके अद्भुत लाभ प्राप्त कर चुके हैं क्योंकि मैंने और चैनलों पर देखा है कि साधनाओं के लिए 10,000- 15,000 ले रहे हैं लेकिन गुरु जी आप इतने कम कीमत में गुरु मंत्र और सारी इंस्टामोजो की परीक्षित साधनाएं उपलब्ध करवाते हैं जिससे कि सभी लोग इसका लाभ ले सके क्योंकि आपके पास भयंकर से भयंकर तामसिक और सभी तरह की राजसिक साधनाएं उपलब्ध है मैं सभी दर्शकों से यही निवेदन करूंगा कि आप भी गुरु मंत्र को धारण करें क्योंकि मैं यह चैनल पिछले 4 वर्षों से देख कहां हूं लेकिन मैंने 1 वर्ष पहले गुरु दीक्षा ली लेकिन मैं चाहता हूं कि आप अगर अपने अध्यात्मिक और भौतिक जीवन को सफल बनाना चाहते हैं तो निश्चित ही गुरु मंत्र को धारण करें क्योंकि गुरु जी की वाणी साक्षात माता की वाणी है क्योंकि गुरु की वाणी ईस्ट की वाणी होती है और आज के समय में आप जैसा गुरु मिलना तो लगभग बहुत ही मुश्किल है
कोई यह न सोचे कि मैं गुरु जी से गुरु मंत्र की दीक्षा ली है इसलिए ऐसा बोल रहा हूं मैं आपको वही बता रहा हूं जो कि सत्य है आप गुरुजी सभी राजसिक सात्विक और तामसिक साधनाओं के विषय में संपूर्ण जानकारी रखते हैं गुरु जी मेरे कुछ प्रश्न है कृपया मार्गदर्शन कीजिएगा
1 गुरु जी मुझे सपने में जो लड़की देखी तो वह मुझे गायत्री उपासना के लिए क्यों कह रही थी कृपया बताइए
2 गुरुजी जब से आपसे मैंने गुरु मंत्र लिया है तो मेरे कुलगुरू जो की गायत्री उपासक हैं वह मुझे सपने में कभी-कभी दिखते हैं ऐसा क्यों है क्योंकि मैंने तो दीक्षा आपसे प्राप्त की है
3 गुरु जी आप जैसे महान गुरु की प्राप्ति और आपसे गुरु मंत्र की दीक्षा लेना किन पुण्य कर्मों से सुलभ हो पाता है क्योंकि गुरु जी मेरा आपसे और गुरु मंत्र से ऐसा बहुत लगाव है ऐसा क्यों है
अगर मुझसे कुछ लिखने में भूल चूक हुई होगी तो मैं आपसे माफी चाहता हूं और अगर मैंने कुछ ज्यादा ही पत्र में लिख दिया हो तो उसके लिए भी माफी मांगता हूं
गुरुजी और गुरु माता को चरण स्पर्श प्रणाम
सन्देश-तो देखे यहां पर आपने गुरु मंत्र का बहुत ही अच्छा वर्णन किया है और साथ ही संदेश भी दिया है सात्विक जीवन अपनाने का। रही बात आपके प्रश्नों की तो पहला प्रश्न गायत्री उपासना से संबंधित है क्योंकि आप के कुल गुरु गायत्री उपासक हैं और गुरु मंत्र की साधना की वजह से हमारा संपर्क अपने कुल, गुरु, पितरों, देवी-देवताओं इन सभी से होने लगता है तो कुल गुरु से संबंध जुड़ने के कारण गायत्री के जितने भी उस वंश परंपरा में साधक साधिकाए रही होंगी। वास्तव में आपसे मंत्र के माध्यम से जुड़ना चाहते हैं। इसीलिए कन्या के रूप में गायत्री की उपासना करने का संदेश आपको मिल रहा है। आप चाहे तो गायत्री माता की उपासना भी कर सकते हैं और केवल यह गुरु मंत्र के माध्यम से ही ऐसा हो पाया है कि वह सारी शक्तियां जो आप की वंश परंपरा में गायत्री मंत्र की उपासना कर चुके होंगे। वह सभी आपसे जुड़ना चाहते हैं। इसके अलावा आपने जो महाभारत सीरियल की बात कही थी ? आपने देखा कि आप रथ पर बैठे हुए हैं। इसका मतलब यह है कि कहीं ना कहीं आपका भी संबंध महाभारत काल से रहा था। कोई भी सपना। हालांकि धारावाहिक इत्यादि देखने से हमारे मन में प्रभाव पड़ता है। लेकिन कभी भी कोई सपना अगर विशेष स्थिति को दर्शाता है तो फिर उसके अलग-अलग अर्थ निकलते हैं। आपका महाभारत काल से निश्चित रूप से कोई न कोई संबंध रहा है और उस वक्त गायत्री उपासना बहुत ज्यादा की जाती थी इसपर

पांडवों और कौरवों के मुकुट देखना भी इसी बात का एक इशारा है। आपके लिए इसी कारण से हनुमान जी वहां पर क्रोधित होना भी यह दर्शाता है कि उस युद्ध में हनुमान जी ने भी भाग लिया था। सभी जानते हैं कि अर्जुन के रथ पर वह विराजित थे तो हो सकता है। आपका संबंध इस महाभारत युद्ध से किसी पात्र के रूप में रहा हो।

रही बात गुरु मंत्र के माध्यम से आप अपना तो कल्याण कर ही रहे हैं। आप जिस भी शहर में रहते हैं वहां के लोगों का भी कल्याण भविष्य में अवश्य करेंगे क्योंकि माता पराशक्ति मार्ग को हमें जन-जन तक पहुंचाना है और इसका प्रयास भविष्य के लिए पूरी तरह बनाया जा रहा है। क्योंकि हम सभी लोग गुरु मंत्र के साधक हैं। पूरे देश भर में यहां तक कि विदेशों में भी फैले हुए हैं और वहां भी हम अपना प्रचार प्रसार अवश्य करेंगे। इसकी एक पूरी व्यवस्था भविष्य में देखने को मिल सकती है। तो सबसे पहले माता पराशक्ति को सभी लोग नमन करके उनके चरणों के प्रति पूरी तरह समर्पित होने का संकल्प लें और अपने साथ सभी का कल्याण करें तो यह था आज का इनका अनुभव अगर आप लोगों को पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।

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