गुरु मंत्र से माता पराशक्ति का दर्शन और माता के प्रेम का सच्चा अनुभव
चरण स्पर्श प्रणाम गुरुजी
गुरु जी मैं आपका शिष्य हूं मैं जम्मू का रहने वाला हूं मेरे यहां पर माता वैष्णो देवी कुछ ही दूरी पर स्थित है कृपया मेरा नाम और ईमेल आईडी ना बताएं क्योंकि मैं पूरी तरीके से गुप्त हूं
मैं आज गुरु मंत्र के जाप के और माता की कृपा के कुछ अनुभव बताने जा रहा हूं जिस कारण माता पर अटूट विश्वास हो गया जब से मैंने गुरु मंत्र लिया है मेरी जिंदगी में बहुत अध्यात्मिक परिवर्तन आया है और मेरा माता दुर्गा जी से बहुत लगाव हो गया है जब मैं किसी न किसी मुश्किल में फंसता हूं माता मुझे दर्शन देती है और विश्वास दिलाती हैं कि मैं तुम्हारे साथ हूं गुरु जी एक बार मैं तांत्रिक साधना करके बड़े कन्फ्यूजन में था कि आगे करूं कि ना करूं और मेरी साधना सफल नहीं हो रही थी मेरी गलतियों की वजह से तो फिर माता पराशक्ति ने सपने में आकर दर्शन दिए जैसे आपने अपनी दुर्गा सप्तशती वाली पुस्तक में लगाए हैं बिल्कुल वैसे ही स्वरुप में और फिर मुझे किसी ने प्रसाद दिया और फिर उस पंडित ने कहा कि माता पराशक्ति ही सब कुछ है फिर मैंने वह साधना बंद कर दी फिर मैं दूसरी साधना करने लगा जो कि मैंने आपको बताई है फिर मैंने 2 दिन तक वह साधना की फिर मुझे स्वप्नदोष हो गया और दुखी होकर मैंने दूसरे दिन का जाप नहीं किया और गुरु मंत्र भी नहीं किया और रात को सोते समय मोबाइल में माता दुर्गा जी की फोटो देखकर गले लगा लिया और कहां की माता मैं पराजित हो गया हूं मैं बहुत दुखी हूं फिर गुरु जी मैंने रात्रि को 3:00 बजे सपने में देखा कि कि मैं कोई फिल्म देख रहा हूं और अचानक से उसी में माता महाकाली का मंदिर आ जाता है और माता महाकाली विराजमान रहती है और एक स्त्री और पुरुष माता की पूजा कर रहे होते हैं जैसे ही मैं माता की तरफ देखता हूं तो माता की आंखों से आंसू निकलने लगते हैं फिर मुझे एक 5 फन वाला वाले बड़े सर्प के दर्शन होते हैं और फिर कुछ ही समय बाद वही माता महाकाली बदलकर एक छोटी सी बच्ची के स्वरूप में लाल साड़ी पहनकर हो जाती है हाथ में त्रिशूल लेकर आशीर्वाद देती है और फिर वहां के पंडित कहते हैं कि यह माता वैष्णो है फिर मैं बिस्तर में लेटे लेटे ही माता को प्रणाम करता हूं फिर मेरा सपना टूट जाता है
फिर आप को मैंने मेल करके पूछा तो आपने कहा कि यह आप पर माता की कृपा के संकेत हैं आप पर माता की कृपा है इस अनुभव से मुझे पता चला कि माता दुर्गा माता काली माता वैष्णो देवी सब एक ही है वही माता वैष्णो माता काली है वही माता दुर्गा है फिर मैं जो साधना कर रहा था फिर से शुरू कर दी बाकी साधना का अनुभव बाद में बताऊंगा जब मैं साधना के पूरे अनुभव भेजूंगा ऐसे ही माता ने मुझे बहुत बार दर्शन दिए हैं गुरु जी आप की कृपा से मुझे माता पराशक्ति के दो बार दर्शन हुए हैं और माता वैष्णो देवी के सिक्के के स्वरूप में कई बार दर्शन हो चुके हैं दो तीन बार जब मैं मंदिर माता की पूजा के लिए जा रहा था तो मुझे दुकान में माता वैष्णो के ही सिक्के मिले थे मैंने उन सभी को अपनी पूजा के स्थान पर रखा हुआ है कुल मिलाकर 5 सिक्के मिल चुके हैं जब से गुरु मंत्र लिया है गुरु जी यह सब आपकी कृपा और आपसे गुरुमंत्र लेने की वजह से ही संभव हो पाया है ऐसे ही बहुत सारे अनुभव है माता के हर दूसरे तीसरे दिन माता के स्वप्न में दर्शन होते ही रहते हैं गुरु जी मैं माता दुर्गा जी से इतना प्रेम करता हूं कि मैं जीवन में माता की बहुत भक्ति करना चाहता हूं माता को गुरु मंत्र और आपकी दुर्गा सप्तशती का पाठ हमेशा सुनाना चाहता हूं जब मैं यह बात माता से हमेशा कहता हूं तस्वीर के सामने तो माता की तस्वीर मुस्कुराती रहती है मुझे मां दुर्गा की कृपा से ही सभी देवी देवताओं के और माता के महाकाली स्वरूप वैष्णो माता स्वरूप के दर्शन हुए हैं जब क्रोध आता है तो माता से लड़ता भी बहुत है फिर माता से माफी मांगता हूं गुरुजी एक बार माता ने सपने में मेरी मां का स्वरूप लेकर आई और किसी स्त्री से मुझे कहा यह मेरा पुत्र है तुम इससे मिलो गुरु जी मुझे यह सुनकर बहुत अच्छा लगा था क्योंकि आपने एक अनुभव में आपने बताया था कि अगर मां दुर्गा आपकी मां का स्वरूप लेकर आएं और आपको अपना पुत्र कहें तो फिर वह आपका साथ कभी नहीं छोड़ेगी हमेशा आप पर ध्यान रखेगी एक माता की तरह फिर मुझे माता से और लगाव हो गया गुरुजी मैं माता की कृष्ण पक्ष की अष्टमी का हमेशा व्रत रखने का संकल्प लिया है और वह व्रत रखता हूं मैंने आपसे पूछा था तो गुरु जी आपने ही बताया था की कृष्ण पक्ष की अष्टमी का दिन सबसे उत्तम होता है माता के व्रत के लिए गुरुजी और भी बहुत सारे अनुभव हैं और मैं अपनी साधना का अनुभव कुछ समय बाद आपको भेजूंगा
गुरुजी मैं एक विशेष बात कहना चाहता हूं आपके चैनल में कुछ दिन पहले किसी सिद्धि का अनुभव आया था और उसमें एक साधक भाई ने कहा था कि वह आपके शिष्यों को दंड देंगे गुरु जी यह सुनकर मुझे बहुत क्रोध आया था क्या वह इतने बड़े साधक हो गए कि गुरु जी के शिष्यों को उन्होंने चेतावनी दी मुझे यह बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा आपके ऐसे पत्र को देखकर लग रहा था कि आपकी उम्र अभी बहुत कम है अभी आप कुछ जानते नहीं हैं वह तो हमारे गुरु जी इतने अच्छे हैं कि उन्होंने कुछ कहा नहीं वह सब कुछ जानते हैं लेकिन आपको ऐसा नहीं कहना चाहिए था आपको नहीं पता यह किसका मंत्र है आपने यह दंड वाली बात कहकर माता का अपमान किया है सब कुछ जानते हुए भी, किसी में इतना सामर्थ नहीं है कि वह गुरुजी के शिष्यों का अनर्थ कर सके चाहे आपने कितनी भी बड़ी सिद्धि कर रखी हो चाहे भैरवी ही किया हो चाहे 10 महाविद्या किया हो क्योंकि हमारे गुरु मंत्र में सभी माताएं सम्मिलित हैं यह माता आदि पराशक्ति का मंत्र है जो भी गुरु मंत्र का सही तरीके से जाप करता है उसका कभी कुछ भी नहीं हो सकता केवल गुरु मंत्र की एक माला जाप से अपना प्रभाव दिखा देता है इसलिए जो भी चैनल पर अनुभव भेजें कृपया इस तरह से हमारे गुरु जी और गुरु मंत्र का अपमान ना करें और मैं गुरु भाइयों और बहनों से कहना चाहता हूं कि आप किसी के गुरु का अपमान ना करें आपको किसी के गुरु का अपमान करने का कोई अधिकार नहीं है चाहे वह जैसे भी हो
साधक की वैष्णो देवी यात्रा भाग देख लीजिए और भगवान श्री कृष्ण के दर्शन का सच्चा अनुभव देख लीजिए अपने गुरु मंत्र की क्षमता का ज्ञान हो जाएगा इतना भी नहीं देख सकते तो देवी भागवत महापुराण को पढ़ लीजिए उसमें भी अपने गुरु मंत्र के बारे में वर्णन है इसकी सामर्थ क्या है इसका जाप स्वयं ब्रह्मा विष्णु महेश करते हैं यह उनकी भी माता का मंत्र है इसीलिए आप तो भूल जाइए कि गुरु मंत्र के साधक का आप कुछ भी कर पाएंगे
एक और अनुभव भेजने वाले वह साधक भाई माता पार्वती का त्रिशूल सभी पर चलाएं दे रहे थे लोगों को पता ही नहीं रहता कि क्या लिख कर भेज रहे हैं माता पार्वती का त्रिशूल माता के भक्तों पर कैसे चल सकता है महादेव जी के भक्तों पर कैसे चल सकता है लेकिन कुछ भी लिख कर भेज देते हैं पता नहीं कहां क्या इनको पता चल जाता है
और गुरु जी कुछ फ्रॉड स्कैम भी हो रहे हैं इसलिए गुरु जी मैं आपसे अनुरोध करता हूं की किसी भी चैनल को अपना प्रचार प्रसार करने की अनुमति बिल्कुल ना दें क्योंकि वह आपके माध्यम से अपने सब्सक्राइबर बढ़ाकर गलत फायदा उठाते हैं आपकी वजह से पता नहीं कितने लोगों का चैनल बना है लेकिन फिर लोग गलत मार्ग पकड़ लेते हैं किताबी ज्ञान देने लगते हैं पता कुछ भी नहीं रहता कहीं का सुना अनुभव कहीं डालने लगते हैं चैनल चलाने के लिए क्योंकि कुछ ज्ञान तो है नहीं मैं नहीं चाहता कि मेरे गुरुजी को कोई अपमानित करें या कोई गलत समझे गुरु जी मुझे यह अनुभव भेजने का ख्याल माता का जाप करते करते ही आया
और कुछ गुरु भाई गुरु मंत्र का जाप करते हैं लेकिन मन में ही जाप करते रहते हैं अगर आपको गुरु मंत्र का सही फायदा उठाना है तो उसे बोलकर करना चाहिए वाइब्रेशन से पूरे शरीर में फैलता है और आप के चक्रों को एक्टिव करता है तभी उर्जा बनेगी मन में जाप करने से ज्यादा असर नहीं होने वाला है आप अपना जी चुराने के लिए दीपक लगाकर के ऐसे ही 300 माला तो कर लेते हैं लेकिन उसकी ऊर्जा 100 माला के बराबर भी नहीं रह जाती गुरु मंत्र की चाहे 50 या 100 माला करें लेकिन थोड़ा बोलकर करें जिससे कि सामने तस्वीर में सुनाई दे यंत्र में सुनाई दे तभी आपको फल मिलेगा मुंह में बोलने मात्र से बहुत कम ऊर्जा बनेगी फिर बोलेंगे कि गुरु मंत्र का असर नहीं होता है मैंने गुरु मंत्र की एक माला का असर देखा है लेकिन उसे थोड़ा मुंह में से बोलकर करना अनिवार्य होता है बहुत लोग 900000 करने के चक्कर में जी चुराते हैं यह बिल्कुल गलत है ऐसा करके गुरु मंत्र का अपमान ना करें फिर यह ना कहे कि गुरु मंत्र कार्य नहीं करता
हाथ में जल लेकर संकल्प लें विनियोग करें जल लेकर फिर कम से कम एक न्यास ऋषि न्यास करें फिर गुरु मंत्र का जाप करें यह सही विधान है कुछ गुरु भाई तो ऐसे हैं जो बिना दीपक न्यास विनियोग के ही 900000 कर लिए हैं अब पछता रहे हैं फिर से गुरुमंत्र लेना पड़ गया है इसलिए ऐसी गलती ना करें
गुरु जी मैंने कुछ ज्यादा लिख दिया हो तो क्षमा चाहता हूं लेकिन गुरु जी मुझसे रहा नहीं गया आप इतने सीधे और सरल हैं और लोग कुछ भी बोल देते हैं मुझसे बर्दाश्त नहीं होता लोग आपको नहीं जानते कि आप क्या है आपका तो स्वर्ग के ऋषि भी सम्मान करते हैं आप साक्षात माता के ही अंश है और गुरु जी जो आपकी दो संताने मेरे प्रिय भाई बहन हैं वह भी कोई साधारण नहीं है मैं जानता हूं गुरु जी वह भी दिव्य आत्माएं हैं जब आप जैसे महान गुरु से गुरु मंत्र लेकर हम जैसे पापी भी माता के सेवक हो जाते हैं तो उनकी बात ही क्या है वह तो साक्षात माता जी और महादेव जी के आशीर्वाद है
गुरु जी मेरा आपसे एक प्रश्न है गुरुजी मुझे माता पराशक्ति के दर्शन होते हैं माता महाकाली के दर्शन होते हैं माता वैष्णो देवी के दर्शन होते हैं लेकिन गुरुजी मैं माता के दुर्गा स्वरूप को सबसे अधिक प्रिय मानता हूं लेकिन वह माता मुझे कभी दर्शन क्यों नहीं देती शेर पर सवार होकर
गुरु जी और गुरु माता को चरण स्पर्श प्रणाम और मेरे गुरु भाई एवं गुरु बहनों को जय माता पराशक्ति जय मां दुर्गा