नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज एक अनुभव को लेंगे। साथी साथ साधना के पीडीएफ को भी लेंगे। इसका लिंक आपको नीचे डिस्क्रिप्शन बॉक्स में मिल जाएगा। वहां से आप जाकर इस साधना को चाहे तो buy भी कर सकते हैं। चलिए जानते हैं अनुभव को और साथ ही साथ पढ़ते हैं उनके पत्र को भी।
पत्र – नमस्कार गुरु जी! आप मुझे जानते हैं और पहले भी मैं आपको साधना है, भेज चुका हूं। आज जो साधना मैं आपको बताने जा रहा हूं। वह साधना एक जिन्न की है जिसके बारे में शायद ही दुनिया में ज्यादा लोग जानते होंगे लेकिन इस जिन्न को सभी लोग जानते हैं। यह है जिन्न ए चिराग में रहने वाला जिन्न।जो अपनी शक्ति में बहुत ही अधिक शक्तिशाली है।
आज मैं आपको अपने गुरु महाराज मेरे खुद के दादाजी के अनुभव को बताना चाहूंगा। लोग इस पर कम ही विश्वास करेंगे लेकिन फिर भी मैं यह अनुभव आपको और इसकी साधना के ज्ञान को आज दूंगा। कृपया इसे आप अपने इंस्टामोजो अकाउंट में डाल कर सभी लोगों के लिए उपलब्ध करवा दें।
जैसा कि मैंने आपको पहले भी बहुत सारी साधनाए भेजी हैं वैसे ही आज भी आपको भेज रहा हूं।
यह अनुभव सबसे पहले मैं अपने दादाजी के अनुभव के रूप में बताना चाहता हूं। मेरे दादाजी! काफी अच्छे तांत्रिक थे।
उन्हीं से मैंने तंत्र की विद्या भी सीखी थी। उनकी एक पुस्तक थी जो उनकी हाथ से लिखी हुई डायरी थी। उस डायरी में उन्होंने बहुत सारी साधनाएं लिखी हुई थी।
वहीं से मैंने यह साधना आज आपको भेजी है।
और मैं खुद के भी इस साधना के अनुभव और सिद्धि के नजदीक की यात्रा कर चुका हूं। लेकिन किसी कारणवश ? सफलता पाते पाते असफल रह गया ? तो सभी को मैं यही कहना चाहूंगा कि सब कुछ सबके हाथ में नहीं होता है तो गलती ना करें ताकि सिद्धि आपकी जाए नहीं। और आपको सफलता अवश्य ही मिले। तो देर ना करते हुए मैं अब अपने दादा के अनुभव को आप लोगों को बताता हूं। मेरे दादाजी!
किसी प्रकार की विद्या को प्राप्त किए होंगे। शायद उन्होंने किसी पीर बाबा से इसकी सिद्धि प्राप्त की थी।
उनके पास जाकर उन्होंने इस मंत्र की दीक्षा भी ली थी। और यह साधना उन्होंने वही सीखी थी।
लेकिन साधना सीखने के कुछ दिनों बाद अचानक से उनकी और एक दूसरे तांत्रिक की लड़ाई हो गई।
तांत्रिक ने एक चुड़ैल सिद्धि की हुई थी।
मेरे दादाजी के एक बहुत ही अच्छे मित्र थे। उनके बहुत सारे दस्तावेज।
बार-बार कोई चुरा लेता था।
इस वजह से वह सदैव परेशान रहते थे। उन्होंने मेरे दादाजी से मदद मांगी। कि कोई उनके दस्तावेज चुरा कर उनके सरकारी कामों को हमेशा रुकवा देता है और इसकी वजह से उन्हें लाखों का नुकसान हो रहा है। मेरे दादा ने इस जिन्न से पता करवाया तो उन्हें पता लगा कि उनका ही कोई रिश्तेदार! अपने तंत्र प्रयोगों के माध्यम से इनके सारे! धन और रूपए पैसे यानी कि जायजाद को हड़पना चाहता है।
और वह इनसे मन ही मन दुश्मनी भी रखता है। पता चला कि उसी की मौसी और मौसा ऐसा कर रहे थे।
लेकिन आखिर उन्हें रोका जाए तो कैसे रोका जाए? दादाजी ने बताया कि उन्होंने किसी तांत्रिक व्यक्ति की सहायता ली है। वह तांत्रिक एक चुड़ैल को सिद्ध किए हुए हैं। वह चुड़ैल सदैव उसके सभी कार्य कर डालती है। साधारण जिन्न भी उसे रोक नहीं सकता।
तो उन्होंने जिन ए चिराग को सिद्ध किया! और उस जिन की सहायता से उन्होंने?
अपने इस शत्रु को परास्त करने की कोशिश की।
कहते हैं मेरे दादा जी ने। पिछले वाले जिन की सहायता से और इस जिन्ने चिराग की सहायता से? उस तांत्रिक पर हमला किया। तब इनकी पिछले वाले जिन को हराकर उस चुड़ैल ने बांध लिया था तब जिन्ने चिराग ने उस चुडेल को पकड़ लिया। तभी उस चुड़ैल ने जिन के चिराग को मेरे दादाजी के घर से उठा लिया।
तो मेरे दादा जी को एक बार फिर से जिन्न ए चिराग को अलग से जाकर सिद्ध करना पड़ा था। याद रखिए इस साधना में चिराग का बहुत अधिक महत्व है।
और उन्होंने जब दोबारा उसे सिद्ध किया तो जिन्न ने उस चुडेल को अपनी बांहों में पीछे से पकड़ लिया। और उसे पकड़ कर वह मेरे दादाजी के पास ले आया। उसके बाद से वह चुड़ैल सदैव मेरे दादाजी के वश में रही। जिन्न की शक्ति बहुत अधिक थी। लेकिन जिन भी परीक्षाएं लेते रहते हैं?
परीक्षा में आपको सफल होना भी आवश्यक होता है। जिन बहुत ही अधिक शक्तिशाली तो होते ही हैं लेकिन जल्दी गुस्सा भी हो जाते हैं। तो उनके गुस्से से सदैव बचने की कोशिश करनी चाहिए और कभी भी उनकी किसी! विशेष मांग की पूर्ति का वचन नहीं देना चाहिए।
और यही गलती मेरे दादाजी से हो गई थी। जिन्ने चिराग ने कहा। कि मैं दुनिया की सबसे खूबसूरत औरत आपको ला करके दूंगा। तब मेरे दादा ने कहा, इसकी मुझे क्या आवश्यकता है? तो उसने कहा कि मैं चाहूं तो एक बहुत ही सुंदर परी को लाकर आपके पैरों की दासी बना सकता हूं।
एक परी इस दुनिया में फस गई है और उसी औरत को हाजिर करूंगा अगर आपको वह मिलेगी तो आपकी जिंदगी खुशी से भर जाएगी।
इस पर मेरे दादा के मन में भी यह विचार आया कि क्यों ना? मैं उस परी को प्राप्त कर लूं। इसीलिए उन्होंने उस जिन्न की बात को मान लिया।
लेकिन जिन्न ने एक बात कही। क्या अगर कभी उस परी को? किसी और इंसान ने देख लिया तो वह आपके चंगुल से छूट जाएगी।
और याद रखे अगर ऐसा हुआ तो मैं भी आपके पास नहीं रहूंगा।
इस पर मेरे दादाजी ने कहा, ऐसा क्यों? तब उसने? कहा की कुछ ऐसी बातें होती हैं जो दूसरी दुनिया के राज़ गोपनीय रहस्य को खोल देती हैं। इन रहस्यों को दुनिया के सामने कभी भी नहीं दिखाना होता है। अगर आप ऐसा करते हैं तो भारी दंड भुगतना पड़ता है।
इसी वजह से मैं यह बात आपसे कह रहा हूं।
यह सुनकर मेरे दादाजी ने कहा। चलो कोई बात नहीं। अगर ऐसा है तो भी मैं कभी किसी और आदमी के सामने उसे आने को नहीं कहूंगा। ठीक है तुम मेरे लिए उससे परी को पकड़ लाओ।
जिन्ने चिराग वहां से उड़ा और जल्दी ही जाकर उसने। परी को चारों तरफ से घेर लिया। परी ने उस पर अपनी बहुत सारी शक्तियों का प्रयोग किया। पर उसे वह रोक नहीं पाई। जिन्न ने उसे चारों तरफ से घेर लिया जिसकी वजह से परी का दम घुटने लगा। परी। चिल्लाने लगी। उसने कहा कि कौन हो तुम और मुझे इस प्रकार से क्यों रोक रखा है? तब उस जिन्ने चिराग ने कहा।
कि मैं तुम्हें यहां पर अपना गुलाम बनाने आया हूं और ले जाकर अपने मालिक को सौंप दूंगा। तुम्हें उस की सेवा करनी होगी अपनी खूबसूरती से। और जितने भी तुम?
काम कर सकती हो वह सारे काम उन्हें करके दिखाने हैं।
इसलिए मैं आज यहां पर तुम्हारे लिए आया हूं।
परी ने कहा, यह बहुत गलत बात है। लेकिन फिर भी! अब क्योंकि मैं तुम्हारे वश में आ गई हूं इसलिए तुम्हारी बात को मानती हूं। और अब मैं उस इंसान के पास जाने को तैयार हूं। जिन ने उसे पकड़ लिया और मेरे दादाजी के पास लेकर आ गया। मेरे दादाजी ने हंसते हुए जिन से कहा, सचमुच दुनिया में तुम से अधिक शक्तिशाली दूसरा कोई जिन्न नहीं है। इसलिए मैं तुमसे बहुत अधिक खुश हूं।
इस प्रकार से उन्होंने वह परी अपनी सेवा में रख ली। परी उन्हें सब कुछ देने लगी थी लेकिन एक गलती उनसे ना चाहते हुए भी हो गयी।
वह गलती क्या थी, मैं दूसरे भाग में आपको बता दूंगा।
अगर कोई ऐसा बना सिद्ध करना चाहता है तो अपने दिमाग को तेज रखें और गलतियों को कभी ना दोबारा है या कोई गलती ना करें।
बाकी मैंने साधना आपको गुरुजी भेज दी है।
नमस्कार गुरु जी!
संदेश – यहां पर इन्होंने जिन्ने चिराग की साधना को हम को भेज दिया है जिसको मैं अपने इंस्टामोजो अकाउंट में डाल दिया हूं। आप लोग नीचे उसे क्लिक करके अपने पास रख सकते हैं या फिर साधना की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और चाहे तो उसे सिद्ध भी कर सकते हैं। आगे के भाग में हम लोग जानेंगे कि इनके दादा जी के साथ में आगे क्या हुआ था?
आप सब का दिन मंगलमय हो धन्यवाद।