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तांत्रिक भैरवी मंजूषा साधना सीखना भाग 14

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। तांत्रिक भैरवी मंजूषा साधना सीखना यह भाग 14 है। आज के इस एपिसोड में हम लोग जानेंगे कि मंजूषा के सामने जो एक लड़की आई थी। मदद मांगने आखिर उसकी कहानी क्या है?

मंजूषा जब अपने आश्रम पहुंची। तो सामने एक लड़की उनसे विनती करती है। और कहती है आपने बहुत लोगों की मदद की है। कृपया मेरी भी कीजिए। मंजूषा ने पूछा, अपनी पूरी बात बताइए। तब उस लड़की ने कहा, मेरी जान को खतरा है।

मैं अपना घर छोड़कर भागी हूं।

मैं बहुत ही अधिक समस्याओं में घिरी हुई हूं। मंजूषा ने पूछा ऐसी क्या बात है जिसकी वजह से तुम इतनी अधिक परेशान हो? तब उस लड़की ने कहा मेरे पिता! पास की एक रियासत के बहुत ही बड़े जमीदार थे। उनके पास हजारों बीघा जमीन थी।

हमारे पास अपना खुद का एक महल भी था।

किंतु मेरे चाचा ने सब कुछ छीन लिया है। और अब वह मुझे उस खजाने पर ले जाकर मारना चाहता है।

मंजूषा ने पूछा कौन सा खजाना? तब? उस लड़की ने पूरी बात बता नहीं शुरू की। उसने कहा, मेरे चाचा मेरे पिता से छोटे भाई थे।

मेरे पिता जमीदार थे। उनका विवाह एक राजकुमारी के साथ हुआ था। क्योंकि राजकुमारी उनके प्रेम में पड़ गई थी। तब कुछ दिनों बाद मेरा जन्म हुआ।

राजकुमारी! अपने परिवार में अकेली थी। इसी वजह से राजा का सारा खजाना और धन मेरे पिता को मिल गया। मेरे पिता ने उसे हमारे महल के एक गुप्त स्थान पर गड़वा दिया था। कुछ दिनों बाद इस खजाने का रहस्य! मेरी चाचा को पता चल गया। उन्होंने रातों-रात मेरे पिता! और मेरी मां की सोते वक्त हत्या कर दी। और खजाने के लिए वह नीचे गए। किंतु उस खजाने को वह नहीं निकाल पाए। क्योंकि उस पर कोई शक्तिशाली शक्ति आकर बैठ गई थी। अब यह बात मेरे चाचा के लिए बहुत ही परेशानी की वजह थी।

मेरी चाचा मुझे भी मार डालना चाहते थे। लेकिन किसी कारणवश वह रुक गए। उन्होंने पास के ही एक तांत्रिक को बुलाया और पूछा कि क्या तुम मेरे इस महल से खजाना निकाल सकते हो? तांत्रिक ने बताया आपके महल के तहखाने में एक स्थान पर कहीं खजाना गड़ा हुआ है और इस गड़े हुए खजाने को जितनी जल्दी हो सके, निकाल लीजिए क्योंकि ऐसे खजानो पर बुरी शक्तियां आकर निवास करने लगती हैं। तब मेरे चाचा ने कहा, तुम्हारा कहना बिल्कुल सही है, किंतु यह समस्या तो आ ही चुकी है। उस खजाने पर कोई बुरी शक्ति आकर बैठ गई है। इसी कारण मैं खजाना नहीं निकाल पा रहा हूं। तब मेरे चाचा ने कहा, ठीक है! अब आप ही हमारी मदद कीजिए। तांत्रिक बोला, मुझे उस स्थान पर लेकर चलिए जहां पर खजाना गड़ा हुआ है। तब मेरे चाचा उस तांत्रिक को लेकर उस महल के अंदरूनी हिस्से में गए।

तांत्रिक ने अपने मंत्रों के प्रयोग के माध्यम से जानने की कोशिश की तो उन्हें पता चला कि उस स्थान पर बहुत सारी आत्माएं निवास करती हैं।

इसका रहस्य बड़ा ही अजीब है।

तब तांत्रिक ने कहा, मैं यहां 40 दिन दीपक जलाकर साधना करूंगा। और इस रहस्य का पता लगा लूंगा। तब उस तांत्रिक ने उस स्थान पर बैठकर कई दिनों मंत्र का जाप किया। 1 दिन तांत्रिक। उस स्थान को छोड़कर बहुत तेजी से भागता हुआ मेरे चाचा के पास आया। और कहने लगा कि? इस खजाने को। केवल!

इस खजाने का वारिस ही हासिल कर सकता है। बिना वारिस के यह खजाना नहीं मिल सकता है। तब मेरे चाचा ने कहा। मेरे भाई और भाभी दोनों स्वर्गवासी हो चुके हैं। केवल उनकी एक बेटी ही जीवित है।

वही इस खजाने को निकाल सकती है। तब उस तांत्रिक ने मुझे उसने स्थान पर ले जाकर खड़ा किया। तभी किसी शक्ति ने मेरा गला पकड़ लिया। मैं चिल्लाने लगी। मुझे कुछ समझ में नहीं आया और मैं उसी स्थान से भागी। मेरे पीछे चाचा और तांत्रिक भी भागा। दोनों ने मुझे पकड़ लिया और कमरे में ले जाकर बंद कर दिया।

कमरे के बाहर खड़े होकर। उस तांत्रिक और मेरे चाचा के बीच जो बातें हुई वह और भी अधिक मेरे लिए डराने वाली थी।

मेरी चाचा ने कहा, क्या हुआ तब उस तांत्रिक ने कहा। यह लड़की! अवश्य ही बहुत अधिक! शक्तिशाली है।

लेकिन? किसी वजह से? उस स्थान पर बैठी आत्माएं इसकी बली चाहती हैं। हमें अमावस के दिन। खजाने के ऊपर इस की बलि देनी होगी। और इसके लिए हमें तुम्हारी।

इस बेटी को तैयार करना होगा। कि अपनी मर्जी से खुद अपनी बलि देने के लिए तैयार हो जाए।

तब मेरे चाचा ने कहा। हम चाहे कुछ भी कर ले लेकिन यह किसी भी प्रकार से इस कार्य के लिए तैयार नहीं होने वाली। मैं उनकी सारी बातें दरवाजे पर खड़े होकर सुन रही थी।

तब तांत्रिक ने कहा मैं इसे नशे की दवाइयां दे दूंगा। इसके कारण यह कुछ भी बोल और सोच नहीं पाएगी। तब हम लोग जाकर इसकी बली उस खजाने के ऊपर दे देंगे तो वहां की आत्माएं इस की बलि लेकर हमें खजाना भी दे देंगी। लेकिन हमें यह कार्य बड़े ही सावधानीपूर्वक करना होगा। मैंने उनकी बातें सुन ली थी। और मैं चुपचाप जाकर लेट गई। कुछ देर बाद वह तांत्रिक और मेरा चाचा कमरे के अंदर आए।

तब मेरी चाचा ने बड़े प्रेम से कहा, तुम उस जगह से क्यों भाग कर आई? मैं तो तुम्हारा चाचा हूं। अब मेरी एक बात ध्यान से सुनो! कल अमावस है।

मैं तुम्हें सभी प्रकार के भोजन और धन कपड़े सभी सामग्रियां देना चाहता हूं। मैं कल आकर तुम्हें दे दूंगा लेकिन तब तक तुम इस कमरे से बाहर नहीं जा सकती हो।

अपने चाचा के मुंह से। प्यार भरी बातें सुनकर मुझे आश्चर्य नहीं हुआ। क्योंकि मैं जानती थी, यह लोग एक नया प्रपंच रच रहे हैं। तभी अगले दिन वह मेरे लिए कई सारी भेटे लाएं।

और? उन्होंने मुझे कपड़े सोने चांदी के आभूषण और खाने के लिए एक पान दिया।

मैं समझ गई कि यह वही पान है जिसके माध्यम से मुझे वशीकृत कर लिया जाएगा। और मैं उसे खाने का नाटक करने लगी पर मैंने चुपके से वह पान फेंक दिया।

जब मुझे उस! खजाने के पास ले जाया गया तब तांत्रिक और मेरे चाचा दोनों साधना करने लगे। आंखें बंद कर बैठ गए। तब मैं वहां से चुपचाप निकल कर भागी।

मैं यह बात जानती हूं कि अगर मैं वहां गई तो मेरी बलि चढ़ा दी जाएगी। और अगर मैं वहां नहीं गई तो मेरे!

साम्राज्य का सारा धन महल और जमीन जायजाद मेरा चाचा हड़प लेगा इसलिए आप मेरी मदद कीजिए। अब हमें किसी भी तरह से अपने पिता के साम्राज्य को बचाना है। आप इसके लिए मेरी मदद करिए। तब मंजूषा ने कहा, ठीक है, मैं तैयार हूं, तुम भी तैयार हो जाओ। हम अगली सुबह निकलेंगे।

अगली सुबह मंजूषा और वह कन्या जमीदार के महल की ओर चल पड़े।

रास्ते में अचानक से उनका रथ खराब हो जाता है।

आखिर रथ क्यों खराब हुआ और इस कथा में आगे क्या घटित हुआ जानेंगे अगले भाग में? अगर आज का वीडियो आपको पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।

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