नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम लोग एक बार फिर से देवी मां से संबंधित एक गुप्त अनुभव को यहां पर प्रकाशित कर रहे हैं और इस अनुभव के माध्यम से हम देवी मां दुर्गा के। विशेष प्रभाव को देखेंगे और उनकी की जाने वाली किसी भी साधना के प्रभाव को इस अनुभव के माध्यम से समझ सकते हैं कि वह कितनी जल्दी प्रसन्न होकर अपने साधक को कोई आशीर्वाद दे सकती हैं। आज का अनुभव हमको भेजा गया है। करण अग्निहोत्री के द्वारा, तो चलिए पढ़ते हैं इनके पत्र को। और जानते हैं क्या है यह अनुभव?
गुरु जी कृपया मेरे अनुभव को भी प्रकाशित कर दीजिएगा। चरण स्पर्श प्रणाम, गुरुजी धर्म रहस्य के सभी भाइयों और बहनों को मेरा प्रणाम गुरु जी मैं आप का वीडियो पिछले कई वर्षों से देख रहा हूं। बहुत अच्छा लगता है जब आप लोगों के अनुभव और पुरानी गुप्त साधना ओं के विषय में बताते हैं। मेरा नाम करण अग्निहोत्री है। कृपया मेरा पता किसी को ना बताएं मैं। इस जगह का रहने वाला हूं। यह बात लगभग 6 महीने पहले की है। गुरु जी मेरे पिताजी अक्सर बीमार रहा करते थे। पिताजी मेरे गवर्नमेंट टीचर है। मैं भी शिक्षक हूं। घर में मेरी माता जी और एक छोटा भाई है। मैं बचपन से ही माता दुर्गा की पूजा पाठ किया करता था। मेरी मां ने मुझे बचपन से पूजा पाठ करना सिखाया था। मैं दुर्गा माता से प्रार्थना करता लेकिन कुछ खास असर नहीं होता था। कुछ दिन बाद तबीयत फिर से उसी तरह हो जाती थी। बहुत जगह डॉक्टर को दिखाया लेकिन बीमारी का कोई पता नहीं चला। फिर मुझे स्वप्न में माता की कृपा से पता चला कि किसी ने उन्हें कुछ खिला पिला दिया है। धीरे-धीरे उनके हालात और खराब होने लगी। फिर मैंने सोचा कि मैं माता की कोई बड़ी साधना करूंगा और मां दुर्गा मेरी इस बार जरूर सुनेंगी। फिर मैंने माता का एक गुप्त स्त्रोत जो कि प्रचलन में बहुत कम है या कहें कि ना के बराबर है। उसका मैं यहां पर नाम नहीं ले सकता हूं क्योंकि उसे बताने की अनुमति नहीं है। गुरुजी उस स्त्रोत का नित्य 51 पाठ 41 दिनों तक रात के समय करना था। इस साधना में दिन में एक ही समय भोजन करना होता था। एक टाइम फल या दूध लेना होता था। गुरु जी मैंने सामग्री इकट्ठा करके वह साधना करना चालू कर दिया। शुरुआत में मुझे साधना करने में चार-पांच घंटे का समय लग जाया करता था।
गुरु जी आप बहुत अच्छा।
कार्य कर रहे हैं आपने हमारे सनातन धर्म के गुप्त हुई साधना ओं को फिर से उजागर किया है। गुरु जी अगर मेरा अनुभव आपको अच्छा लगा हो तो इसे जरूर शेयर कीजिएगा। यह मेरा ईमेल आईडी है- [email protected] । इसे भी जरूर शेयर कर दीजिएगा।