नवनी की अग्निपरीक्षा भाग 2
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। नवनी की अग्निपरीक्षा भाग 2 आज जानेंगे कि व्यापारी आगे क्या करता है? तो जैसा कि हमने पिछले भाग में जाना कि व्यापारी कन्या से विवाह करने उसके घर तो आ गया था लेकिन वह इस बात को लेकर अब संशय में आ गया कि क्या यह मेरे घर के लायक स्थिति वाली कन्या है? लेकिन फिर उसने सोचा कि मुझे घरवालों और इसके सगे संबंधियों से क्या लेना मुझे लड़की पसंद है और खुद मेरी जाति में इतनी ज्यादा सुंदर कोई कन्या नहीं थी। फिर मुझे इस पर पूरा विश्वास भी है। तो अब इसे मैं अपनी जाति में शामिल कर लेता हूं और विवाह करने के लिए व्यापारी तैयार हो जाता है। किसी प्रकार यह शादी संपन्न होती है। और हर बात पर! लड़की के रिश्तेदार उसे टोकते रहते हैं, चाहे खानपान हो या आवाभगत। इस प्रकार विवाह करके नवनी विदा कर दी जाती है और पहुंचती है अपने ससुराल में। वहां पर? उसकी पहली परीक्षा उसकी सास ही ले लेती है। सास कहती है। क्या तुम नहा धो कर आई हो? क्योंकि मेरा घर बहुत ही स्वच्छ है। यह सुनकर वहां पर खड़ी अन्य स्त्रियां हंसने लगती है। नवनी अपना सिर हिला कर! उन्हें कहती है। कि मैंने! यहां आने से पहले साफ और स्वच्छ होकर। जल और गुलाब से भरे पानी में स्नान किया था। यह सुनकर सब के मुंह वही बंद हो जाते हैं। क्योंकि यह एक भील जाति की कन्या थी। इसी कारण से सबके हृदय में उसके प्रति घणा भरी हुई थी। छोटी जाति होने के कारण और आदिवासी संस्कृति होने के कारण सब उसका इसी प्रकार उपहास कर रहे थे। किंतु नवनी ने कुछ ही दिनों में यह सिद्ध कर दिया कि वह छोटी जाति से भले ही है लेकिन? अपने कार्य करने की क्षमता और परिवार संभालने की विशेष योग्यता उस में कूट-कूट कर भरी हुई है। जब सास से मिलने अन्य स्त्रियां आई तो उसकी सांस कहने लगी। भले ही मैंने। अपने पुत्र की यह शादी स्वीकार कर ली हो पर मुझे यह लड़की बिल्कुल भी पसंद नहीं है। इसे देखो तो? यह कहां से एक सभ्य घर की लड़की है? सभ्यता का तो दूर-दूर तक इससे और उसके परिवार वालों का नाता नहीं है। तब तक? नवनी के परिवार वाले वहां आ जाते हैं। और वह कुछ सामान लाए थे। तो नवनी की सास सामान घर के बाहर ही रखने को कह देती है और सब को कहती है पहले आप सब! मेरे घर के कुएं में जाकर वहां स्नान करें। तब घर के अंदर आए। यह सब देखकर नवनी को बहुत बुरा लगता है और वह सोचती है कि क्या मैंने दूसरी जाति में विवाह करके गलती कर दी है? तब वह फिर सोचती है मुझे बाकी लोगों के व्यवहार से क्या लेना मेरा पति तो मेरे साथ खड़ा है? और वह व्यापारी और नवमी की कहानी इसी प्रकार आगे बढ़ती चली जाती है। लेकिन परिवार के अन्य सदस्य नवनी को कभी हृदय से स्वीकार नहीं कर पाते हैं। इधर नवनी देवी की उपासना अपने तरीके से किया करती थी। और वहां उनके आगे थोड़ी सी अग्नि जलाकर सदैव उसमें कुछ काले तिल डालकर देवी की उपासना करती थी। यह एक विशेष विधि उसने बचपन से ही जारी रखी थी क्योंकि वह इसी प्रकार देवी मां की उपासना करती थी। अपनी हर समस्या के लिए वह उसी अग्नि को साक्षी मानकर। माता के सामने अपने हृदय की बात रखती थी। और एक संपन्न घर में पहुंचने का भी श्रेय वह सदैव देवी मां को देती थी। नवनी की सुंदरता के कारण। उसकी चर्चा चारों ओर होने लगी। और इसी में एक व्यक्ति की निगाह नवनी पर खराब हो गई। क्योंकि व्यापारी होने के कारण उसका पति। 6 माह के लिए घर से बाहर जाता था। और वापस लौट कर खूब सारा धन लेकर आता था। यह 6 महीने नवनी को अकेले ही काटने थे। उसके पति ने उसे समझाया कि परिवार का ख्याल रखना और किसी से तर्क वितर्क मत करना क्योंकि मैं जानता हूं। यहां पर कोई भी तुम्हें पसंद नहीं करता है। लेकिन मुझे पूर्ण विश्वास है कि जल्द ही तुम अपने व्यवहार से और अपनी कर्मठता से इन सभी को अपने वश में कर लोगी। इस प्रकार! नवनी रोते हुए अपने पति को विदाई देती है और कहती है जल्दी ही आपसे मुलाकात हो। माता से मैं यही प्रार्थना करती हूँ। इस प्रकार नवनी को छोड़कर उसका पति और व्यापारी 6 माह के लिए अपनी यात्रा पर निकल जाता है। इधर उस व्यक्ति ने नवनी के घर आना जाना शुरू कर दिया। और सदैव वह घूरती निगाहों से नवनी को देखा करता था। उसकी सास से वार्तालाप करते करते अब वह नवनी से भी बातचीत करने लगा। नवनी उसे देवर समझकर उसके साथ अच्छा व्यवहार करती थी। एक दिन जब सासु मां की तबीयत कुछ खराब थी तो वह व्यक्ति फिर आया और वह नवनी के कमरे में सीधे चला गया और उसके पास जाकर बैठ गया और कहने लगा। भाभी मुझे बड़ी जोर की प्यास लगी है। आप पानी लेकर आओ। नवनी उसके लिए पानी लेकर आ गई। नवनी जब? गिलास रखकर दूसरी तरफ मुड़ रही थी तभी उसने जाकर जल्दी से उस कमरे का दरवाजा बंद कर दिया। और पीछे से आकर इन नवनी के कमर को पकड़ लिया। इस प्रकार की गई। गलत हरकत से नवनी आश्चर्यचकित रह गई? उसने एक जोरदार तमाचा उस व्यक्ति को मारा और कहा, आगे से ऐसी गलती मत करना। वरना मुझ से बुरा कोई नहीं होगा। तब उस व्यक्ति ने कहा, तेरा पति 6 महीने बाद घर वापस आता है। ऐसे में? तुझे पति की कमी तो लगती ही होगी। बस यही सोचकर मैंने थोड़ी कोशिश की है। अब थोड़ी सी कोशिश तू भी कर ले और हम दोनों खुशी-खुशी इस राज को दबा कर रखेंगे। तब नवनी कहती है। तूने मुझे क्या समझ रखा है मैं क्या कोई वैश्या हूं? मैं अपने पति के प्रति पूरी तरह समर्पित हूं। 6 महीने तो क्या अगर वह पूरी जिंदगी भी नहीं आए तो भी मैं किसी अन्य पुरुष को कभी नहीं स्वीकार करूंगी। और इसी समय तुम यहां से निकल जाओ, वरना मुझे शोर मचाना पड़ेगा। तब? एक बार फिर वह नवनी को गले लगाकर जकड़ने की कोशिश करता है। लेकिन नवनी उसे दूर धकेल देती है। तब वह गुस्से में वहां से जाते हुए कहता है। तुझे मैं इस घर से बाहर निकाल कर रहूंगा। चाहे तो कुछ भी हो जाए जब तू अकेली पड़ जाएगी, तब देखूंगा कैसे मेरे पास नहीं आती? और इस प्रकार वह दरवाजा खोलकर बाहर निकल जाता है। इधर सासू मां कमरे से उस व्यक्ति को बाहर निकलता हुआ देखकर अपनी बहू पर शक करती हैं क्या उनकी बहू? एक गलत चरित्र की लड़की है। आगे क्या हुआ जानेंगे हम लोग अगले भाग में तो अगर यह जानकारी और कहानी आपको पसंद आ रही है। लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद। |
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