नमस्कार दोस्तो धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है आज मैं आप लोगों के लिए लेकर आया हूं पद्मिनी यक्षिणी साधना.आज मैं आप लोगों को बताऊंगा कि इनकी साधना की विधि और इनमें किस सामग्री का प्रयोग होता है जिसका प्रयोग करके आप इनकी सरलता से और सहज रुप से सिद्धि प्राप्त कर सकते हैं . पर जैसा कि हर साधना में होता है नियम पालन और जप संख्या की विधि का पालन करना चाहिए शुरू करते हैं । आपको मैं इसका मंत्र बताता हूं कि वह किस प्रकार से है –
मँत्रः ॐ क्लीं अनंग वल्लभोदेवी माकारि प्रिय सेविका नमस्ते पद्मिनी माया महामाया नमस्कृते।।।
आपको इसी मंत्र का जाप करना होगा । आषाढ़ पूर्णिमा गुरुवार की रात्रि में स्वाति नक्षत्र में चार पहर के बाद आपको यह साधना शुरू करनी होगी वह भी एक निर्जन और एकांत स्थान में जहां पर किसी का आना जाना ना हो । आपको साधना करते समय कोई परेशान ना करें और किसी भी प्रकार का व्यवधान उत्पन ना करें ताकि आपकी साधना सफलतापूर्वक हो सके इसलिए आपको एकांत स्थान का चयन करना होगा।
इसके लिए आप पीपल के पेड़ के नीचे बटुक नाथ की मूर्ति को स्थापित करें कुश के आसन पर बैठकर दक्षिण मुखी होकर दो लाख का जाप करें यह आपको 21 दिन में संपन्न करना होगा ।इसलिए बराबर संख्या में जाप करें ताकि आपका 21 दिन में दो लाख जाप पूरा हो जाए। जब यह देवी आती है तो आपको एक बार अपनी झलक दिखा कर गायब हो जाती हैं । जब यह देवी आती है यानी देवी पद्मिनी का जब आगमन होता है तो चारों तरफ से वाद्य यंत्रों की ध्वनि सुनाई देने लगती है डोल ताश नगाड़ा शहनाई बजने लगती है ।
आपको कोई भी यह सब बजाने वाला दिखाई नहीं देता और उसी ताल पर आपको एक बारात सी आती हुए दिखाई देगी। इनका रूप स्वरुप अत्यंत ही सुंदर होता है या अत्यंत ही गोरे रंग की अत्यंत ही सुंदर और आकर्षक रुप वाली होती है जो किसी को भी मोहित कर लेती हैं । इनकी बाहें अत्यंत ही मुलायम और कोमल होती है और इनके इतने लंबे बाल होते हैं कि पैरों तक का जाते हैं।
यह देवी भी अपने हाथों में कमल का फूल धारण करके आती जैसे माता लक्ष्मी का आगमन होता है यह पीले वस्त्र को धारण करके हुए आती। यह कभी-कभी पूर्ण निर्वस्त्र होकर भी आती है और जिसको भी इनके सिद्धि हो जाती है उसके पास कभी भी धन संपत्ति की कमी नहीं होती उसके पास सुख शांति ऐश्वर्य वैभव सब कुछ यह देवी प्रदान कर देती हैं। अगर आपको यह साधना पसंद आई हो तो धन्यवाद।।