भूतनी का जिंदा होना भाग 1
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम एक ऐसे अनुभव को लेंगे जिसमें एक मरी हुई स्त्री को कैसे वश में किया गया था। एक साधक के द्वारा इस अनुभव को इस वीडियो के माध्यम से जानेंगे तो चलिए शुरू करते हैं। नमस्कार गुरु जी, मैं आपका बहुत पुराना सब्सक्राइबर हूं। जब से आपने यूट्यूब पर वीडियो बनाने शुरू किए तभी से मैं आपको देखता आ रहा हूं। मैं आपसे गुरु दीक्षा भी लेना चाहता हूं और इस तंत्र की दुनिया में प्रवेश करना चाहता हूं जैसा कि आपने कहा कि पहले गुरु मंत्र का अनुष्ठान प्रत्येक व्यक्ति को कर लेना आवश्यक है। उसके बाद ही तांत्रिक साधनाएं शुरू करें। बिल्कुल वैसे ही मैं भी करना चाहता हूं। गुरु जी इस पत्र को भेजने का मेरा मूल उद्देश्य यह है कि मैं आपको एक ऐसी घटना के विषय में बताना चाहता हूं जो कि बिल्कुल सच्ची है मेरे ही गांव के एक व्यक्ति ने यह कार्य किया था जिसको मैं आपको अनुभव के रूप में लिख कर भेज रहा हूं। गुरु जी आप इस घटना पर भी प्रकाश डालिएगा और यह सिद्धि कैसे की जाती है। हो सके तो बताइएगा। गुरुजी हमारे गांव में एक व्यक्ति एक लड़की से बहुत अधिक प्यार करता था। दोनों के प्यार के चर्चे गांव में मशहूर होने लगे। धीरे-धीरे वह दोनों गांव के पुराने जंगल वाले इलाकों में मिलने के लिए आया करते थे। अधिकतर जिस वक्त लोग शौचालय जाते हैं, वह लोग भी मिलने के लिए वही एक बहाना बनाए थे। वह लोग उस वक्त सुबह के समय या शाम के समय लोटा लेकर जाते थे और वहां जाकर एक दूसरे से मिलते थे। गांव वाले इस बात को जान गए। यह बात जब लड़की के परिवार वालों को पता चली तो उन्होंने लड़की का बाहर निकलना बंद कर दिया और जब भी वह जाती तो परिवार की तीन चार स्त्रियों को साथ लेकर के जाती थी। यह जब होने लगा तो वह केवल दूर से ही उसे देखता था। कुछ दिनों बाद उस लड़के के ऊपर वज्र सा गिरा। यह बात क्या थी? यह बात बहुत ही गुरुजी। उसके परिवार वालों ने उस लड़की का ब्याह तय कर दिया था। अब क्योंकि ब्याह तय हो चुका था। इसलिए अब उसकी प्रेम कहानी खत्म होने वाली थी। वह आदमी अब छटपटाने लगा इसलिए उसने एक निर्णय लिया। हमारे गांव के बाहर एक बहुत ही पुराना बंगाली तांत्रिक रहता था। वह उसके पास जाने लगा और उसकी सेवा करने लगा। उसे प्रसन्न करके उसने उस से वशीकरण की विद्या के बारे में जानकारी ली। उसका उद्देश्य यह था कि लड़की घर से भाग जाए और मेरे साथ चल कर शादी कर ले। इसलिए वह उस तंत्र को प्रयोग करना चाहता था। उस व्यक्ति से उसने तंत्र विद्या सीखने और फिर अचानक से एक दिन वह तंत्र प्रयोग उसने उसी लड़की पर किया। लड़की घरवालों से रोने और चिल्ला कर बोलने लगी। कहने लगी मेरी शादी कहीं और मत करो। मैं उस लड़के से प्रेम करती हूं और शादी भी उसी से करूंगी। घर वालों ने जब यह बात देखी तो किसी ने बताया कि वह लड़का तांत्रिक के पास जाता है। इसलिए आप लोग सावधान हो जाइए। इस बात को समझ कर अब उस व्यक्ति ने जो कि लड़की का पिता था। एक दूसरे तांत्रिक से बात की और लड़की के ऊपर से तंत्र प्रयोग हटवाने की कोशिश की और इस प्रकार वह तंत्र समाप्त हो गया। गुपचुप तरीके से गांव में बिना बताए एक दिन एक बारात आ गई और वह उस लड़की की ही थी। लड़के को जब यह पता चला तो उसके तो जमीन ही पैरों के नीचे से खिसक गई हो। वह दौड़ा-दौड़ा उस तांत्रिक के पास पहुंचा। उसने कहा, अब मैं कुछ नहीं कर सकता क्योंकि जो कुछ करना था, पहले करना था। तब वह बिचारा दूर से खड़े हुए दोनों लड़का और लड़की का विवाह होते देख रहा था। वह कुछ भी नहीं कर पा रहा था। तब किसी प्रकार से उसने एक मारण प्रयोग किया। वह प्रयोग जो उसने बंगाली तांत्रिक से सीखा था लेकिन जो वह कर रहा था, वह बहुत ही बुरा प्रयोग हो गया। उसका प्रभाव कितना गलत पड़ा। यह कोई सोच भी नहीं सकता था। गुरु जी अब उसके बाद जो हुआ वह सच में विस्मयकारी था। वह व्यक्ति जिसने मारण प्रयोग किया था, उसकी वजह से जब बरात घर से बाहर जा रही थी तभी जोरों की बारिश आ गई। गांव के बाहर जाने के लिए एक पुल बना हुआ था। उस पुल से गुजरते हुए अचानक से वह पुल टूट गया। और सारे बाराती उस पुल में बह गए क्योंकि वह नदी पर बना हुआ था। उनमें से कुछ तो तैर कर बाहर निकल गए लेकिन लड़का और लड़की दोनों मारे गए इस प्रकार से अब जब उस व्यक्ति ने यह सुना तो बड़ा खुश हुआ और अपने गुरु के पास जाकर बोला, गुरु जी मेरा तो शायद बदला पूरा हो गया है। काश कि मैं उसे वापस पा सकता। तो तब तांत्रिक ने कहा कि कभी-कभी प्रेम अगले जन्म में मिलता है। वरना तो उसकी लाश ही अगर मिल जाए तो शायद तुम्हें तुम्हारी प्रेमिका वापस मिल सके। ऐसा सुनते ही अब उस व्यक्ति ने तांत्रिक से पूछा। क्या कोई ऐसी विद्या है जिसके माध्यम से हम अपनी उस प्रेमिका को वापस ला सकते हैं? तब उस तांत्रिक ने कहा, हां जाओ! उस लाश को पानी में ढूंढो! अगर वह मिल जाए तो कोशिश करो तब उस व्यक्ति ने उस पानी में, नदी में छलांग लगाई और लाशों को ढूंढने लगा। एक-एक करके वह बहुत सारी लाशे वहां से निकाल कर ले आया। लेकिन गांव वाले समझ रहे थे। यह एक अच्छा काम कर रहा है पर उसका उद्देश्य उस लड़की की लाश को प्राप्त करना था पर उसे वह लाश नहीं मिली। लेकिन? किसी अन्य व्यक्ति को उस लड़की की लाश गांव के बाहर मिली थी। वह उसे पानी से बाहर निकाल लाया। जब यह बात इसे पता चली तो यह वहां दौड़ा-दौड़ा पहुंचा और फिर उसने कोशिश की कि उससे लाश को हासिल कर सके पर लाश हासिल करना कोई आसान काम नहीं था। गुरुजी उसके बाद फिर उस व्यक्ति ने उस लाश के पास जाकर गांव वालों से कहा कि यह तो अब अंतिम क्रिया के लिए ले जानी आवश्यक हो गई है क्योंकि! इसकी तो मृत्यु हो चुकी है। गांव वाले उसको यह लाश देने से रहे क्योंकि परिवार वाले जब यह देखें कि यह वही व्यक्ति है जो उनकी बेटी के पीछे पड़ा था तो सब ने इसे मार कर वहां से भगा दिया। अब यह व्यक्ति तड़पने लगा, क्योंकि बिना लाश के वह स्त्री उसे वापस नहीं मिल सकती थी तब गांव वालों ने इस लड़की की लाश को जलाने का फैसला कर लिया। परिवार के सारे सदस्य इस की अर्थी को लेकर एक बड़े श्मशान में पहुंचे। जब यह बात इस व्यक्ति को पता चली तो यह भाग कर अपने गुरु के पास पहुंचा और उनसे कहा, वह तो उसे जला देना चाहते हैं। अब इसे मैं कैसे हासिल करूंगा यह तो मर तो चुकी ही थी। आपकी जो विद्या है उसमें तो शरीर चाहिए था। अब बिना शरीर के मैं इसे कैसे प्राप्त कर पाऊंगा? गुरु जी मुझे वह प्राण से भी ज्यादा प्रिय है। अपने शिष्य पर कृपा कीजिए और मुझे उसे प्राप्त करने के लिए कोई मार्ग बताइए नहीं तो मैं प्राण त्याग दूंगा। इस प्रकार उसने उस बंगाली तांत्रिक से बहुत सारी मिन्नतें की तब बंगाली तांत्रिक ने उसे एक गुप्त विद्या की जानकारी दी। उसने कहा अब तुम लाश को चुराने की कोशिश करो, अगर नहीं चुरा पाए तो मैं तुम्हें एक अलग ही विद्या की जानकारी दूंगा। गुरुजी वह विद्या क्या थी और आगे की कथा मैं आपको अगले पत्र में भेजूंगा। आप सभी दर्शकों को नमन करते हुए गुरु जी को चरण स्पर्श! संदेश-तो देखिए यहां पर इन्होंने यह एक अद्भुत घटना का वर्णन किया है। इसमें एक प्रेमी हर मर्यादा को तोड़ने की कोशिश कर रहा है। आगे क्या हुआ जानेंगे अगले भाग में तो अगर यह कहानी आपको पसंद आ रही है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद। |
|