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यंत्रों में छुपी हुई अद्भुत शक्तियां और उनके प्रयोग

धर्म रहस्य चैनल को मेरा प्रेषित अनुभव विषय यंत्रों में छुपी हुई शक्तियां सर्वप्रथम भाई साहब को प्रणाम और धर्म रहस्य चैनल देखने वाले सभी भाई बहनों को मेरा प्रणाम मेरा नाम पुष्प प्रकाश तिवारी है । आज मैं आपको यंत्रों में छुपी हुई शक्तियों का विवरण देता हूं । यंत्रों के प्रति भारतीय समाज में ही नहीं बल्कि संपूर्ण समाज में संपूर्ण संसार में इसकी महत्वता है । बल्कि संपूर्ण विश्व में इसकी श्रद्धा है नास्तिक लोग भी यंत्रों को अपने पास रखते हैं और यंत्रों के महा प्रभाव से मुग्ध होकर मानव ने अपने समस्त उपयोग की वस्तुओं को उसी में अंकित किया करते है हम देखते हैं कि विश्व विशालतम साहित्य कला की स्थापना, प्रकृति में आकृति मूलक के कारण जन समुदाय उनसे आकर्षित होता रहता है । यानी कि हमारे देश में जो कोई ईमारत बनी है कोई विशेष प्रकार का नक्शा बना है तो वह आकर्षण का केंद्र होता है ।

नियंत्रक मानो पहले ही भूल गया हो परंतु हमारे ऋषि मुनि इसके अनुसंधान से भली-भांति परिचित थे यही कारण था कि वह उसी प्रकार की संरचना किया करते थे मानव शरीर की रचना भी यंत्रमय हैं । इसके अंग प्रत्यंग अध्ययन करने बने हुए तभी होते हैं जब बैठते हैं उठते हैं सोते हैं तब उसमें यंत्रात्मकआकृतियां स्वयं बन जाती है । व्यक्ति किसी भी धर्म का अनुयायी हो यंत्र किसी व्यक्ति के अपरोक्ष से परोक्ष रूप में श्रद्धा वान बने होते हैं किसी के गले में किसी की हाथों में किसी के भुजाओं में किसी के पूजा स्थान पर यंत्र अवश्य स्थापित होते हैं । धार्मिक प्रतीक के रूप में आपको अनेकों प्रकार के यंत्र मिल जाए जितने भी प्रसिद्ध देव मंदिर हैं उनके मूल मैं आपको यंत्र अवश्य मिलेंगे ।भारतीय तंत्र शास्त्रों ने एक ऐसी भाषा का निर्माण किया जिसे यंत्र कहा जाता है । इसको मंत्र तंत्र जानने वाला ही समझ सकता है कि इस अंक का किस अक्षर से संबंध है और हम किसी यंत्र को सिद्ध करने के विषय में जानना चाहते हैं तो वह यह क्या विषय होंगे । यंत्रों को सिद्ध करने के लिए आपको निश्चित संख्या में लिखना या बनाना पड़ता है ।

कुछ यंत्रों को बनाते समय मंत्रों का जाप करना आवश्यक होता है कुछ यंत्रों को निश्चित संख्या में बनाकर आखिरी यंत्र को पूजा घर में स्थापित करते हैं जिससे शीघ्रतम यंत्र की देवी देवता को आसानी से प्रसन्न किया जा सके । कुछ यंत्रों को बनाने के बाद उन्हें पानी में बहा दिया करते हैं ताकि यंत्र सिद्धि प्राप्त हो सके । यंत्रों की पूजा करके उसकी प्राण प्रतिष्ठा करने से यंत्र की शक्तियां बढ़ जाती है । यंत्र निर्माण करते समय कुछ अनुभव अवश्य होते हैं साधक को जिसकी जानकारी देना आपको आवश्यक है । जब साधक एकाग्र चित होकर यंत्र निर्माण करता है तब उसे चीटर चीटर की ध्वनि सुनाई देती है कभी-कभी शरीर मे कंपन भी होता है । कभी-कभी शरीर भारी लगने लगता है और यंत्र निर्माण के बाद सब कुछ सामान्य हो जाता है कभी समय हल्का सा अनुभव होता है यह अनुभव उन्हीं को होते हैं जो यंत्र निर्माण कर रहे हो ज्यादातर यंत्र निर्माण में अष्ट गंध की स्याही रख रक्त चंदन की स्याही, केसर की स्याहीअलग-अलग चीजों का उपयोग करते हैं ।

कार्य को ध्यान में रखते हुए साधक विशेष प्रकार के कलम का प्रयोग करते हैं यंत्रों को निर्माण करते समय संख्या निर्धारित अवश्य होती है ।निश्चित संख्या लिखने के बाद जब आप उतनी संख्या में लिख लेते हैं तब वह यंत्र सिद्ध हो जाते हैं । यह आप अपने गुरु से पूछ सकते हैं केवल और केवल सुलेमानी यंत्रों के निर्माण में सफेद कागज पर काली स्याही से लिखा जाता है और प्रयोग के समय (जाफरान) केसर का प्रयोग किया जाता है । धन्यवाद गुरुजी

संदेश – अगर दुनिया के सबसे बड़े यंत्र की बात की जाए मैं भी आप लोगों को कुछ बता रहा हूं इसमें मिश्र का पिरामिड जो है दुनिया का सबसे बड़ा जीता जागता पिरामिड यंत्र है । मेसोपोटामिया के लोग सोचा करते थे कि मरने के बाद व्यक्ति जिंदगी जी रहा है, उसकी सुविधा के लिए लोग सोना चांदी इत्यादि चीजें रख दिया करते थे यंत्र की ताकत को यह चीज दर्शाती पुराने जमाने में और विदेशों में प्रेम पत्र खून से लिखकर भेजे जाते थे वह खून से लिखे पत्र भी एक प्रकार के यंत्र ही होते थे इससे प्रेमिका प्रेमी उसके आकर्षण में हो जाता था, हमारे देश में यह बहुत हुआ है जब खुन से लिखे पत्र भेजे जाते थे और उसमें विशेष प्रकार की आकृतियां बना दी जाती थी तो वह भी विशेष प्रकार का चमत्कार दिखाती थी और सामने वाले को पागल कर देती थी, मंत्र को छोटा कर के प्रतीक रुप मैं उसको निर्माण करना प्रतीक रूप में जैसे देवी देवताओं की फोटो होती है देवी देवताओं की मूर्तियां होती है उसी तरह किसी शक्ति को बांधने के लिए उसके आकार में निर्मित की गई एक व्याख्या जो है वह यंत्र कहलाता है ।

इसलिए यंत्र अद्भुत शक्तिशाली हो जाता है यंत्रों में इतनी शक्ति होती है कि आप किसी को भी आकर्षित कर सकते हैं स्वयं दश महाविद्या का भी यंत्र होता है ।उन के माध्यम से आप 10 महाविद्या को भी आकर्षित कर सकते हैं । तो सोचिए कि यंत्रों में कितनी शक्ति होगी। यंत्र एक ऐसी संरचना है जो आपको उस विशेष शक्ति के प्रति आकर्षित करती है आपको उससे जोड़ देती है इसलिए यंत्र पूजा का विधान बनाया गया था जो पूरी तरह मंत्रों की तरह ही शक्तिशाली है ।यंत्रों के माध्यम से अगर शक्तियों की उपासना की जाती है तो वह ज्यादा ही शक्तिशाली हो जाती है इसलिए यंत्र निर्माण की विधि तांत्रिक पद्धति में लागू की गई । हमारे देश में ही नहीं बल्कि यह पूरे संसार में प्रचलित है तो ये था आज का विवरण यंत्रों के बारे में अगर आपको यह पसंद आया है तो धन्यवाद।।

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