नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम एक बार फिर से आप लोगों की मांग पर रहस्यमई मठ और मंदिरों की कहानी लेकर के आए हैं और आज हम एक ऐसे किले का रहस्य जानेंगे और उसकी कथा जानेंगे जिसके माध्यम से पारस पत्थर को भी हासिल किया जा सकता है। क्या है रहस्य और क्या है, कथा चलिए शुरू करते हैं? आप लोग माता करोली को जानते ही होंगे। करौली राजस्थान में एक स्थान है जहां पर कैलादेवी विराजमान है। यह स्थान बहुत ही प्रसिद्ध है। इस पर मैंने पहले भी एक मठों और मंदिरों की कहानी बनाई थी। स्थान विशेष रूप से कुलदेवी के रूप में यदुवंशी राजाओं का स्थान भी माना जाता है। यदुवंशी यादव वंश से जुड़े हुए कई राजा हुए जिनके ऊपर माता कैला देवी का आशीर्वाद रहा। इन्हीं से जुड़ी हुई एक प्रसिद्ध कहानी है। जैसा कि हम लोग जानते हैं कि करौली के पास ही प्राचीन समय में एक प्राचीन मठ हुआ करता था। और इस मठ में विभिन्न प्रकार के लोग अपनी तांत्रिक साधनाएं किया करते थे। पास की ही रियासत से एक तांत्रिक। इस स्थान पर आया और उसने माता कैला को प्रसन्न करने के उनके विषय में बहुत सी बातों का पता लगाया था। उसे यह पता चला कि माता कैला देवी! जो कि योग माया शक्ति कहलाती हैं वह बालिका के रूप में नवरात्रि में। स्वयं चलकर आती है। इस दौरान अगर किसी प्रकार से इनका दर्शन किया जा सके या फिर इनको वशीकरण किया जा सके तो निश्चित रूप से अपने भाग्य को बदला जा सकता है। तांत्रिक ने यही सोच कर। इनके वशीकरण के लिए। महाशक्तिशाली माता महाकाली के एक यंत्र की रचना की। और उसने यह प्रयोग किया कि जिस मार्ग से देवी का बालिका स्वरूप आएगा वह उस स्थान से अवश्य ही गुजरे जहां पर उसने माता काली का महा यंत्र बना रखा था। उसने नवरात्रि के पहले दिन से बहुत ही गुप्त तरीके से साधना शुरू कर दी। लगातार साधना करते हुए जब अष्टमी की रात्रि आई तब ही देवी मां का बालिका स्वरूप उस स्थान से गुजरने लगा और वह जाते जाते उस ओर से भी गुजरने लगी जहां पर उस तांत्रिक ने माता महाकाली का यंत्र सिद्ध अवस्था में रखा हुआ था। माता उसी स्थान से गुजरते हुए जैसे ही उस यंत्र पर अपना पैर धरी तभी अचानक से उनके ऊपर वशीकरण शक्ति काम करने लगी। यद्यपि वह इस यंत्र की शक्ति को तोड़ सकती थी किंतु! मर्यादा के रहते और स्वयं माता महाकाली का यंत्र होने के कारण उन्होंने वशीकृत होना अच्छा समझा। अब वह उस स्थान पर बैठ गई जहां पर माता महाकाली का वशीकरण यंत्र बना हुआ था। तांत्रिक अपनी साधना से उठ कर भागा। क्योंकि उसे पता चल चुका था कि देवी स्वयं यंत्र पर विराजमान हो गई हैं। अब उनकी पूजा करके अद्भुत शक्तियां प्राप्त की जा सकती हैं। इसीलिए वह दौड़ता हुआ उस स्थान के नजदीक पहुंचा। सामने उसने एक अत्यंत ही सुंदर कन्या को यंत्र के बीच में बैठे हुए देखा। सबसे पहले उसने उसी यंत्र की प्रदक्षिणा की और चारों तरफ घूमते हुए माता के मंत्रों का उच्चारण किया। इसके बाद फूलों की वर्षा करते हुए उसने विधिवत देवी की पूजा की। देवी कन्या रूप में हंसकर कहने लगी। तूने तो मुझे बांध दिया है। अब बता किस प्रकार में यहां से बाहर निकल लूंगी? तब तांत्रिक ने कहा मां मैं आपसे कुछ प्राप्त करना चाहता हूं। इसी कारण से आप मेरे बंधन में है। अगर आप मुझे मेरे मन के अनुकूल कोई वस्तु प्रदान करेंगी तो फिर मैं आपको छोड़ दूंगा। आप यहां से जा सकेंगी। तब देवी मां ने हंसते हुए कहा ठीक है बता तू क्या चाहता है तेरे लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण कौन सी वस्तु है? तब तांत्रिक ने थोड़ी देर सोचा क्योंकि उसने पहले से कुछ भी सोच कर नहीं रखा हुआ था। उसे विश्वास नहीं था कि देवी मां का कोई स्वरूप उसके बंधन में भी आ सकता है। यह तो केवल एक प्रयोग मात्र था। तब उसने कुछ देर सोचने के बाद कहा कि इस दुनिया में सबसे शक्तिशाली धन है। अगर मेरे पास असीमित धन हो तो संसार की प्रत्येक वस्तु मुझे प्राप्त हो सकती है। मैं राजा बन सकता हूं। मेरे पास लाखों नौकर चाकर हो सकते हैं। कितनी भी स्त्रियां रख सकता हूं? कितने भी महल बना सकता हूं? सब वस्तुएं केवल धन से ही प्राप्त होती हैं। इसलिए मुझे धन प्राप्त करवा दीजिए और इतना अधिक धन जिसकी सीमितता ना हो। और किसी भी प्रकार से मैं अगर उस धन को समाप्त भी करूं तो फिर से और धन मुझे प्राप्त हो जाए। देवी माता हंसकर कहने लगी ठीक है। अगर तेरी यही इच्छा है तो मैं तुझे एक गोपनीय तरीका बताती हूं। ऐसा कर यहां से कुछ दूर एक राज्य पड़ता है। उस! राज्य से कुछ दूर एक जंगल है। वहां पर टिटहरी का एक जोड़ा तुझे मिलेगा। वह! अपने बच्चे जमीन पर ही देते हैं। और उनसे बच्चे बाहर निकलते हैं। लेकिन यह टिटहरी का जोड़ा! अपने बच्चों को बाहर निकालने के लिए चोच से अंडे नहीं फ़ोड़ता है। वह एक विशेष पत्थर का इस्तेमाल करता है। जब वह टिटहरी का जोड़ा अपने बच्चों को अंडों से बाहर निकालने के लिए। उन्हें फ़ोड़ेगा तब जिस पत्थर का इस्तेमाल वह करेगा उस पत्थर को तो लेकर आना मेरे इसी स्थान पर तू रख देना और वह पत्थर एक दिव्य पत्थर में बदल जाएगा। फिर तू जितना चाहे उतना धन प्राप्त कर सकता है। माता की बात सुनकर। उस तांत्रिक ने कहा माता जब तक मैं पत्थर नहीं लेकर आता तब तक आप इसी स्थान पर विराजमान रहे। इस प्रकार वह तांत्रिक उस राज्य की रियासत की ओर बढ़ चला। और वहां पहुंचकर कुछ ही दूर पर उसने जंगल में। धीरे-धीरे घूम कर। उन टिटहरी के जोड़ों को देख लिया। दोनों बहुत ही अधिक सुंदर और दिव्य लग रहे थे। यह साधारण टिटहरी नहीं थी। इसलिए उसने सावधानीपूर्वक उनका पीछा किया। थोड़ी देर बाद जमीन में बने उनके घोसले को उसने देखा जिन से बच्चे बाहर नहीं निकल पा रहे थे। तब टिटहरी मादा उड़कर एक झील के पास गई। और वहां से एक पत्थर उठाकर लेकर आई। और उसने उस पत्थर से जब अंडों पर मारा तो अंडों में छेद हो गया और उसके बच्चे वहां से बाहर निकल आए। तांत्रिक वहीं खड़ा यह सारी घटना देख रहा था। उसने वहीं रुक कर इंतजार करना अच्छा समझा। इस प्रकार जब अगले दिन टिटहरी के सारे बच्चे उनके अंडों से बाहर निकल आए तब। टिटहरी का जोड़ा उनके लिए भोजन लेने बाहर चला गया। यही वह मौका था जब तांत्रिक ने जाकर उन टिटहरी के बच्चों को हटाकर वहां पड़े उस दिव्य पत्थर को ले लिया। और इस प्रकार उसने वह पत्थर प्राप्त कर लिया। लेकिन जब भाग्य में कोई ना कोई संकट हो तो कोई भी वस्तु आसानी से प्राप्त नहीं होती है। बच्चों की आवाज सुनकर। टिटहरी का जोड़ा भागता हुआ वहां पर वापस आ गया। और अपने बच्चों को संकट में देखकर उसने तांत्रिक के पैरों पर वार किया। तांत्रिक के पैर घायल हो गए और! तब तांत्रिक ने गुस्से में आकर वहां रखे पत्थर को उठा कर उन बच्चों पर मार दिया। टिटहरी के सारे बच्चे पत्थर के नीचे दबकर मारे गए। इससे क्रोध में आकर वहां पर टिटहरी। और? उसके पति यानी उस जोड़े ने उस तांत्रिक को श्राप दे दिया। उन्होंने क्या श्राप दिया जानेंगे अगले भाग में? अगर आपको यह जानकारी और किवदंती कथा पसंद आ रही है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।
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रहस्यमई किले का पारस पत्थर भाग 1
Dharam Rahasya
MPDRST( मां पराशक्ति धर्म रहस्य सेवा ट्रस्ट) -छुपे रहस्यों को उजागर करता है लेकिन इन्हें विज्ञान की कसौटी पर कसना भी जरूरी है हमारा देश विविध धर्मो की जन्म और कर्म स्थली है वैबसाइट का प्रयास होगा रहस्यों का उद्घाटन करना और उसमे सत्य के अंश को प्रगट करना l इसमें हम तंत्र ,विज्ञान, खोजें,मानव की क्षमता,गोपनीय शक्तियों इत्यादि का पता लगायेंगे l मै स्वयं भी प्राचीन इतिहास विषय में PH.D (J.R.F रिसर्च स्कॉलर) हूँ इसलिए प्राचीन रहस्यों का उद्घाटन करना मेरी हॉबी भी है l आप लोग भी अपने अनुभव जो दूसरी दुनिया से सम्बन्ध दिखाते हो भेजें और यहाँ पर साझा करें अपने अनुभवों को प्रकाशित करवाने के लिए धर्म रहस्य को संबोधित और कहीं भी अन्य इसे प्रकाशित नही करवाया गया है date के साथ अवश्य लिखकर ईमेल - [email protected] पर भेजे आशा है ये पोस्ट आपको पसंद आयेंगे l पसंद आने पर ,शेयर और सब्सक्राइब जरूर करें l धन्यवाद