शक्तिशाली जिन्न का प्रकोप जिन्न सिला का अनुभव भाग 3
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। शक्तिशाली जिन्न का प्रकोप जिन्न सिला का अनुभव यह भाग तीसरा है तो चलिए आगे बढ़ते हैं। इनके पत्र को और जानते हैं। आगे इनके दादा जी के साथ में क्या हुआ था?
नमस्ते गुरुजी दिल से शुक्रिया करता हूं। आपने मेरे दो अनुभव प्रकाशित किए। तीसरे पत्र को मैं आज आपको भेज रहा हूं। गुरु जी जैसे कि मैंने बताया था कि जब दादाजी के चेहरे पर रोशनी पड़ी और उन्होंने चारों ओर का नजारा देखा तो उनका दिल बहुत तेज धड़क रहा था। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि आदमी अगर अपने घर में सोया हुआ हो और एक खुशनुमा रात उसने विताई हो। लेकिन अगर वह अपने आप को किसी कब्रिस्तान में पाए तो फिर उसका क्या होगा? उन्होंने देखा कि वह तो कब्रिस्तान में है। क्या वह पूरी रात एक कब्रिस्तान में सो रहे थे? या फिर उन्हें कोई कब्रिस्तान में डाल कर चला गया? लेकिन वह तो अच्छी प्रकार सो रहे थे। कमरे के दरवाजे बंद थे। और उनकी पत्नी का क्या हुआ? सबसे ज्यादा चिंता उन्हें इसी बात की थी। यह वह जमाना था जब लोग घर में घुसकर बहुत ही गलत काम कर लेते थे। स्त्रियों का रेप करना घर को लूटना और वहां के लोगों को जान से मार देना। इसी वजह से उनके मन में सबसे ज्यादा इसी बात का डर था इसीलिए वह वहां से तुरंत उठे और दौड़ते हुए अपने घर की ओर वापस आने लगे। उन्होंने रास्ते की परवाह भी नहीं की कि वह कितना दूर है लेकिन वह दौड़ते हुए वहां से अपने घर को वापस आ गए। वहां पर उन्होंने अपने घर का दरवाजा खुला देखा तो वहां पर कोई भी मौजूद नहीं था। घर के सामान को चेक किया। लेकिन कोई भी सामान गायब नहीं था।
लेकिन उनकी पत्नी कहां थी जिसकी चिंता उन्हें सबसे ज्यादा थी। कल के उस खुशनुमा माहौल के बाद अब उनके मन में सबसे ज्यादा इसी बात की चिंता थी कि आखिर उनकी पत्नी कहां चली गई?
क्योंकि यह जमाना मोबाइल इत्यादि नहीं मौजूद होते थे इसलिए किसी से पूछने में भी बहुत समय लग जाता था। उन्होंने पड़ोसियों से पूछा तो उन्होंने कहा, उन्हें इस बारे में कुछ भी नहीं पता है। तो फिर उन्होंने सोचा कि चलो जो भी बात है मैं चिट्ठी लिखकर।
अपनी पत्नी के मायके भेज देता हूं। ताकि वहां तक मेरी बात पहुंच जाए। और अगर वह वही गई होगी तो शायद! मैं अपने आप को समझा पाऊंगा जिसकी वजह से?
वह यहां से गई है। इसलिए! उन्होंने तुरंत ही पत्र लिखकर। भेज दिया। फिर दिन के अन्य कार्यों में व्यस्त हो गए। और जैसे ही शाम का समय हुआ। अचानक से एक बार फिर से जब वह खाना बनाने के लिए बैठे थे कि उनके दरवाजे पर दस्तक हो गई। उन्होंने फिर से एक बार उठकर दरवाजा खोला।
दरवाजा खोले तो फिर उन्होंने जो देखा वह फिर से आश्चर्य से कम नहीं था। उन्होंने देखा उनकी पत्नी! कल की तरह ही पूरी तरह सजी-धजी पूरी तरह से कम उम्र की दिखाई पड़ने वाली। नई औरत की तरह।
उनके सामने मुस्कुराते हुए खड़ी थी। उन्हें देखकर मेरे दादाजी को चैन आया। उन्होंने कहा, तुम कहां चली गई थी? मैंने सारे दिन तुम्हें ढूंढा। तुम्हें पता है कि मैं अपने आप को कब्रिस्तान में पाया हूं। इसलिए मैं सोच रहा था कि क्या हुआ है? तब वह! हंसते हुए कहने लगी। आपने तो मुझे पत्र भेजा है। वह मुझे रास्ते में ही एक आदमी ने दे दिया। मैं मायके जा रही थी। इस बात से गुस्सा होकर कि आप रात को सोते हुए चलने की आदत हो गई है। कल रात मैंने आपसे कहा, आप सो जाइए तो आपने कहा, पता नहीं क्यों मेरी नींद उड़ जाती है और मैं नींद में चलने लगता हूं।
कल आप इसी वजह से घर से बाहर निकल कर कब्रिस्तान में चले गए होंगे।
यह कोई अच्छी बात नहीं है। आप ऐसी हरकत करेंगे तो मैं तो मायके जाऊंगी। तब उन्होंने कहा, अगर ऐसा हुआ है यह तो अजीब किस्म की बीमारी है। मैं आखिर इतनी दूर चलकर कब्रिस्तान तक कैसे पहुंच गया?
इसके बारे में मैं क्या कहूं? हां, मुझे बस इस बात की खुशी है कि तुम सुरक्षित हो। पता नहीं कल रात से तुम इतनी खूबसूरत कैसे हो गई हो? तुम्हें देखकर अब जी भरता ही नहीं है।
तब मुस्कुराते में दादी ने फिर से कहा ठीक है बाद में मेरी तारीफ करना पहले मैं आपके लिए खाना बना देती हूं। तो वहां जाकर किचन में फिर से। उनके लिए बहुत ही स्वादिष्ट व्यंजन बनाने लगी। इस बात से उन्हें बड़ा ही अच्छा लगा क्योंकि उन्हें ऐसा लग रहा था कि जब से इन्होंने अच्छी तरह से मेकअप करना शुरू किया है तभी से इनका स्वभाव भी बदल गया है शायद! पति और पत्नी के बीच में। जो शुरुआत वाली नजदीकी होती है, वह समय के साथ कम हो जाती है क्योंकि आकर्षण कम हो जाता है। इसी आकर्षण को कोई भी पत्नी अपने आप को सुंदर बना कर बढ़ा सकती है। फिर उसका पति भी उसके पीछे पीछे लगा रहता है। इसी कारण से दादाजी को अब इससे जवानी जागृत हो रही हो। ऐसा महसूस हो रहा था।
दादी का आकर्षण उनके लिए बिल्कुल वैसा ही था जैसे जब उनकी नई शादी हुई थी। अब उन्होंने! उनके साथ। बहुत ही प्यार से खाना खाया। दोनों ने मिलकर भोजन किया था। और इसके बाद फिर से उन्होंने! अपनी सेज को सुंदर बना कर संवार दिया। और कहा मेरे पास पैसे की कमी नहीं है? भाई से मुझे कई सारे पैसे मिले हैं। इसलिए अब हर रात इसी प्रकार हम दोनों आपस में प्रेम से रहेंगे। यह सुनकर दादा जी अब और भी ज्यादा खुश हो गए थे। क्योंकि न सिर्फ उनको उनका जवानी का प्यार वापस मिल रहा था बल्कि एक बहुत ही खूबसूरत याद! तैयार हो रही थी जैसे कि हर रोज उनकी सुहागरात हो।
बड़ा ही अजीब सा माहौल होता है। कि तब रात्रि को जब वह सो गए, किसी ने दरवाजा खटखटाया। तब दादाजी उठे और उन्होंने दरवाजा खोला तो एक लंबा चौड़ा इंसान उनके सामने खड़ा था। जिसकी लंबाई काफी ज्यादा थी वह सफेद कुर्ता पहने और एक बड़े लंबे चौड़े ताकतवर इंसान की तरह दिखाई पड़ रहा था। उसने कहा।
अंदर जो लड़की है वह मुझे दे दे। इससे पहले कि मैं तेरा जीवन ही समाप्त कर दूं। यह सुनकर मेरे दादाजी को बड़ा अचरज हुआ। उन्होंने कहा, अंदर तो मेरी पत्नी है। तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरी पत्नी के बारे में ऐसी बात करने की? तो वह कहने लगा।
मुझे इस बात से कोई मतलब नहीं कि तूने उसके साथ रात गुजारी है या वह तेरी पत्नी बन गई है बस मुझे वह वापस कर। नहीं तो अभी तेरी पिटाई कर दूंगा। मेरे दादाजी की उससे बहस होने लगी। उसने गुस्से में आकर मेरे दादाजी को लात मार दी। मेरे दादा अंदर आकर कमरे तक सरकते हुए गिरे।
इतनी ज्यादा ताकत की कोई इंसान अगर लात खाए तो ज्यादा से ज्यादा 1-2-3-4 फुट! तक गिर सकता है। लेकिन यहां पर तो कम से कम 30 फुट दूर जाकर मेरे दादाजी गिरे थे। दादा जी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था। उन्होंने अपनी पत्नी की ओर देखा। जिसकी आंख में आंसू थे। आखिर उनकी आंख में आंसू क्यों आ रहे थे? जानेंगे हम लोग अगले भाग में। इस पत्र को यहीं समाप्त करते हुए हम लोग आगे की कहानी को अगले पत्र के माध्यम से पढेगे। आप सभी का दिन मंगलमय हो धन्यवाद!