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साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरूरी जानकारी 13

                               साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरूरी जानकारी 13

१.  कोई ऐसी साधना बताए जिसके द्वारा हम भूत भविष्य का ज्ञान प्राप्त कर सके त्रिकालो को देख सके ?

देखिये -भुत भविष्य  बताने  वाली  साधना तांत्रिक साधनाए  कहलाती है और ये साधनाए अलग अलग तरीको से और अलग अलग स्तरों पर की जाती है |  कर्णपिशाचनी से लेकर बड़ी देवियों की और हर शक्ति धीरे धीरे करके भूत भविष्य बताने लगती है लेकिन कुछ शक्तियों का लक्ष्य अपनी सीमा  तक होता है | जैसे कर्णपिशाचिनी अपनी सीमा तक ही रहती है, उसी सीमा में अपना कार्य करती है |  तो हम इस साधना के पीछे ना पड़ते हुए इनसे उच्च स्तर की साधना करनी चाहिए अगर आप भगवान शिव के भक्त है या माँ शक्ति के भक्त है तो आपको स्वयं ही काल ज्ञान शक्ति प्राप्त हो जाएगी अगर अपने उनकी भक्ति १० साल या  उससे अधिक समय  तक  करते है  तो आपको स्वयं ये शक्ति प्राप्त हो जाएगी लेकिन अगर आप विशेष रूप से काल ज्ञान प्राप्त करना चाहते है तो एक देवी है पंचांगुली देवी जो काल ज्ञान की देवी है ये लगभग हार घटनाओ को बताती है अपनी  शक्ति के द्वारा आप इनके द्वारा किसी व्यक्ति का भूत और भविष्य को देख सकते है |

२.  एक व्यक्ति एकबार में कितनी अप्सराओ की साधना कर सकता है और कितनी  अप्सराओ को सिद्ध कर सकता  है ?

एक बार में एक ही साधना करनी चाहिए  दो साधनाए एक बार में करना संभव नहीं हो पाता है और आप कोई भी अप्सरा की साधना कर सकते  है लेकिन अप्सराओ की शक्तिया थोड़ी कम होती है प्रेम और सौंदर्य की  मूल रूप से ये देविया होती है । इस वजह से प्रेम सौंदर्य संपन्नता इसके साथ आपके अंदर आकर्षण शक्ति बढ़ाना ये इनका मूल कार्य होता है | यही शक्तिया ये दे पाती है लेकिन अगर आप इनके साधना तीव्रता  से  करते  रहे और इन्हे समय दे पाए तो  इनकी शक्तिया बहुत आगे बढ़ सकती  है इन साधनाओ को करने से पहले किसी महा शक्ति की साधना सिद्ध कर लेनी चाहिए  फिर इनकी साधना करनी चाहिए ताकि इनसे आप पूरी तरह से फ़ायदा उठा सके

३. क्या  अगर साधना के बीच में गलती से वीर्यपात हो  जाए तो क्या साधना खंडित मानी जाती है?

ब्रम्हचर्य के बारे में मै कहना चाहूंगा की अगर आप कोई साधना करते है और साधना के बीच में ही अगर आपका वीर्य स्खलित हो जाता है  किसी भी कारण से आपका जो मूलाधार चक्र है यहाँ से ही शक्तिया जागृत होती है और ऊपर की और बढ़ती है  इस वजह से जब वीर्य के साथ में मूलाधार चक्र में वो शक्ति ईखट्टी हुई है वो निकल जाती है  जिसकी वजह से आपने अभी तक जितना भी ऊर्जा मंत्रो द्वारा प्राप्त की है वो बाहर निकल गई  इसका मतलब ये नही की आपकी साधना खंडित हो गई  इसका अर्थ  है की  अभी तक जितना भी उर्जा बनी थी वो नष्ट हो गई  जिसके कारण  साधना  में  सिद्धि  प्राप्त नहीं होगी

४. दुर्गा सप्तशती के बारे में कुछ बताए इसको कैसे करते है  इसका क्या विधि विधान है?

मेरी दुर्गा शप्तसती  की  किताब आ चुकी है | उसमे आपको पूर्ण रूप से विधि विधान मिल जाएगा | उसमे आपको  हर मंत्र के  आगे  बीज  मंत्र लगाए हुए देखने को मिलेगा जिससे उसकी  शक्ति  और तीव्र हो जाएगी और उसके पाठ  से आपको  अधिक लाभ प्राप्त  होगा |

पूर्ण विवरण और विस्तृत ज्ञान के लिए नीचे का विडियो देखे –

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