साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरूरी जानकारी 42
१. क्या सात्विक साधना को राजसिक साधना में परिवर्तित किया जा सकता है ?
उत्तर :- सबसे पहली बात ये है की अगर हम नियम के हिसाब से चले तो हमें ऊचाई की और जाना चाहिए | ऊचाई की ओर जाने का सबसे अच्छा तरीका होता है अगर आप तामसिक साधना करते है तो उसको राजसिक में बदल लीजिये और राजसी से सात्विक में बदल लीजिये | इस प्रकार से आगे बढ़ना चाहिए | कई बार हम लोग सात्विक जीवन जीते हुए साधना सम्पन करते है लेकिन कई बार उसमे कामयाबी नहीं मिलने के कारण राजसी साधना की तरफ बढ़ने लगते है तो इस प्रश्न का एक ही उत्तर है की आप संकल्प ले लीजिये राजसी साधना करने के लिए फिर सात्विक की ओर बढ़े |
२. मै भगवन शिव की पूजा किया करती हूँ | मुझे शिव जी और शिवलिंग के सपने आते रहते है लेकिन कुछ कारण वश मेरी पूजा कम हो गई इसलिए मुझे दर्शन होना भी कम हो गया | एक दिन मैंने सपने में देखा की भगवन शिव की परछाई थी बाद में मेरा ध्यान उनके गले से लिपटे हुए सर्प के ऊपर गया फिर मै जाग गई और उसके बाद से वापस में मै पुनः प्रतिदिन अपनी पूजा पाठ करने लगी| कुछ ही दिनों में मेरे शरीर में झटके लगने लगे और मेरे पेट के पास कुछ गोल गोल घूमने लगा बाद में मुझे पता चला की ये चक्र जागृत हने के लक्षण है| एक दिन रात को अचानक मैंने अपने शरीर पर ठंडी हवा का अनुभव किया जिसके कारण मेरा सारा शरीर शून्य हो गया | फिर जो तीसरा चक्र होता है वो गुमने लगा थोड़ी ही देर में शरीर पुनः चैतन्य हो गया लेकिन इस बार जो भी हुआ उसके कारण मै डर गई तो ये सब क्यों हो रहा है मेरे पास कोई गुरु भी नहीं है इसका क्या कारण हो सकता है ?
उत्तर :- सबसे पहले आपको गुरु दीक्षा प्राप्त कर लेनी चाहिए| क्युकी आपकी ऊर्जा उस ऊर्जा को सहने लायक अभी नहीं है | गुरु मंत्र के जाप के द्वारा आपके अंदर उस ऊर्जा को सहन करने की क्षमता प्राप्त हो जाती है | क्युकी उस ऊर्जा को सहने के लिए आपके साथ साथ आपका गुरु भी होता है | चक्रो का जागृत होना साधना में सामान्य बात है इस बात से घबराए नहीं वो स्वतः मंत्र ऊर्जा से जागृत होते जायेंगे |
३. रक्षा मंत्र के जाप से क्या क्या फल मिलता है ?
उत्तर :- रक्षा मंत्र जो है होता है वो मूलता २ तरीके के होते है| एक वैदिक रक्षा मंत्र होते है और दूसरा शाबर रक्षा होते है | शाबर रक्षा मंत्र केवल शरीर की रक्षा करते है इसके अलावा उनका कोई विशेष प्रभाव नहीं होता है | अगर आपका गुरु मंत्र ही रक्षा मंत्र है फिर वो आपके लिए मोक्ष के द्वार भी खोल देता है इसलिए गुरु मंत्र को ही रक्षा मंत्र के रूप में इस्तेमाल करना चाहिए |
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