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साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरूरी जानकारी 55

साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरूरी जानकारी 55

१. गुरूजी कहा जाता है की साधना का अनुभव गुरु के अलावा किसी और को नहीं बताना चाहिए, लेकिन अगर कोई साधक उत्सुक हो कर किसी को अनुभव बता दे और फिर किसी प्रकार का अनुभव होना बंद हो जाए तो इस स्थिति में क्या करना चाहिए ?

उत्तर :- अनुभव के  संबंद में कहा जाता है की गुरु के अलावा किसी और को अनुभव नहीं बताना चाहिए |  जब आप किसी को अपना अनुभव सामने से बता देते है तो आपको  उस साधना में अनुभव आना बंद हो जाएगा, लेकिन आप किसी को पत्र के माध्यम से उन लोगो को अपना अनुभव बता रहे है जिनसे आप परिचित नहीं है तब आपको किसी प्रकार की समस्या नहीं आएगी| लेकिन अब जब आपको उस साधना में किसी प्रकार अनुभव आना बंद हो जाए, तब आपको उसी दिन उस मंत्र का यज्ञ करके  पारण करना चाहिए की  मै इस साधना की समाप्ति कर रहा हूँ | फिर आपको वही साधना प्रारंभ से संकल्प ले कर करनी चाहिए |

२.  कई बार मैंने देखा है की गुरु मंत्र साधना या अन्य साधना के द्वारान गृह कलह के कारण, तबीयत ख़राब हो जाने के कारण मन और शरीर में अशांति रहती है, जिससे मंत्र जाप और ध्यान करने में परेशानी आती है |  क्या इस स्थिति में मंत्र जाप करना चाहिए? यदि करते है उसका क्या सकारात्मक फल मिलता है ?

उत्तर:- ये बात सत्य है |  जिनके घर में नकारात्मक शक्ति होती है या जिनका  भाग्य या प्रारब्ध उनके साथ में नहीं है  पूर्व  जन्म के कर्म के कारण तो उस समय क्या होता है की अगर आप उस घर में मंत्र साधना शुरू कर देते है, तो आप देखेंगे की घर में लड़ाई शुरू हो जाती है, आपस में लोग एक दुशरे के लिए गलत भावना रखने लगते है|  इसी कारण किसी न किसी सदस्य का स्वस्थ भी ख़राब हो जाता है और अन्य परेशानी सामने आती है, लेकिन अगर पूरा परिवार उस उस मंत्र की दीक्षा ले कर अगर मंत्र जाप करेगा तो इस प्रकार की समस्या नहीं आती है, ऊर्जा सबसे शरीर में सामन्य मात्रा में मंत्र के द्वारा बनती रहती है और इससे सभी सदस्यो को लाभ भी होता है |

३.  गुरूजी जैसे गुरु मंत्र का जप एक दिन में निश्चित समय और निश्चित संख्या में करना चाहिए लेकिन कभी समय में अभाव में मंत्र जाप संख्या कम करनी हो  बदलाव करना हो तो इसके लिए कोई खास विधि है क्या ?

उत्तर :-  इस सम्बंद में आपको पहले ही बताया गया है की ९ लाख मंत्र का जाप करना है, यह संकल्प मन में धारण करे |   इसका उच्चारण किसी देवी या देवी या माता के सामने नहीं करना है|  क्युकी इसमें आप रेगुलर साधना नहीं कर पाएंगे बल्कि इसमें मंत्र जाप संख्या कभी बढ़ेगी और घटेगी जो की उचित नहीं है| इसलिए उचित यही होगा की आप प्रतिदिन संकल्प लेकर मंत्र जाप करे की आज मै इतना मंत्र जाप करूँगा |

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