साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरूरी जानकारी 88
१. क्या हम यक्षिणी साधना बिना माला के सम्पन नहीं कर सकते है ?
उत्तर:- साधनाओ में माला और यंत्रो का प्रयोग अनिवार्य रूप से होता है क्युकी केवल मंत्र अपने आप में पूर्ण नहीं होता है बल्कि जब उस मंत्र के साथ विशेष क्रिया पद्धति का योग होता है तब कही जाकर मंत्र पूर्ण होता है | कुछ साधनाओ में माला की भी उतनी ही जरुरत होती है जितना की मंत्रो की क्युकी जब हम किसी चीज़ से जुड़ना का प्रयास करते है तो जो उस साधना के या उस शक्ति के गुण होते है उसको आधार बना कर ही साधना करते है और किसी विशेष यक्षिणी की साधना में विशेष माला की जरुरत है तो उस माला को जरूर लेना चाहिए लेकिन यही सब कुछ नहीं है, इसके साथ भी ये ध्यान रखने वाली बात है की आप जो सामग्री साधना में प्रयोग कर रहे है वो प्राण प्रतिष्ठा युक्त हो क्युकी जब तक उसमे विशेष मंत्रो के माध्यम से जब तक प्राण समाहित नहीं किया जाता तब तक उसका विशेष प्रभाव भी नहीं दिखता इसलिए उसको जागृत करना भी जरुरी है |
२. यक्षिणी साधना में क्या सुरक्षा घेरा महत्वपूर्ण होता है? क्या बिना घेरे के यक्षिणी साधना सम्पन नहीं कर सकते?
उत्तर:- इस प्रकार की साधना में आपको सुरक्षा घेरा अनिवार्य रूप से लगा लेना चाहिए क्युकी जब शक्ति परीक्षा लेती है तो जो आपकी कमज़ोरी होती है उसी पर प्रहार करती है और साथ मै कई प्रकार की अन्य शक्तिया भी आ सकती है आपकी साधना में अवरोध डालने इसलिए इन सब स्थितियों के लिए और किसी भी प्रकार की अशुभ शक्ति से रक्षा हेतु सुरक्षा घेरा का निर्माण होता है, लेकिन अगर साधक अधिक साधना सम्पन हो तो निश्चित रूप से उसकी ऊर्जा उच्तम भूमि को स्पर्श कर रही होती है और इस प्रकार के साधक पर किसी भी दुष्ट शक्ति का प्रभाव संभव नहीं यह बिलकुल ऐसा है की सूर्य को एक छोटा सा दिया दिखाना | साधना के वक्त अगर आपको किसी प्रकार का रक्षात्मक प्रयोग ज्ञात नहीं हो तो यदि आप पारद गुटिका को अपने सामने रख कर साधना करते है तो किसी प्रकार का प्रकोप आप पर व्याप्त नहीं हो सकता है|
३. यक्षिणी किस रूप में सबसे जल्दी सिद्ध हो जाती है?
उत्तर:- यह तो साधक के ऊपर निर्भर करता है की वह उस शक्ति को किस रूप में और कितने दिनों के अंतराल में सिद्ध करना चाहता है | जहा तक जल्दी सिद्ध होनी की बात है तो वो माता के रूप में जल्दी सिद्ध होती है और सबसे अधिक समय इन्हे पत्नी के रूप में सिद्ध करने में लगता है, जितनी अधिक समय ये सिद्ध होने में लेती है उतना ही अधिक शक्तियो से सम्पन होती चली जाती है |
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