साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरूरी जानकारी 99
१. राजसिक संकल्प क्यूँ ले ?
उत्तर:- राजसिक संकल्प को आप इस तरह से समझे की अगर कोई व्यक्ति गुरु मंत्र प्राप्त करता है और वह सात्विक जीवन का पालन नहीं करता बल्कि राजसिक है, वो भोजन मे शराब, मांस आदि का सेवन करता है और वह पूर्ण रूप से राजसिक है तो ऐसे लोग सात्विक संकल्प नहीं ले सकते है, अगर लेते भी है तो एक समय के बाद उनका संकल्प खंडित हो जाता है | इसलिए जब कोई इस प्रकार का भोजन और राजसिक जीवन जीता है तो उसको राजसिक संकल्प लेना चाहिए ताकि उन्हें किसी प्रकार का सात्विक नियम बंधन लागु न करना पड़ेगा| अगर साधक में तीव्र इक्षा शक्ति है तो उसे इस प्रकार का भोजन का त्याग कर देना चाहिए नहीं तो उसको मोक्ष प्राप्त नहीं होता |
२. दूसरे गुरुओं द्वारा बताई गई साधनाएँ क्या साधक कर सकते है ?
उत्तर:- जब आप गुरु मंत्र का पूर्ण अनुष्ठान संपन्न कर लेते है तो आप कोई भी साधना कर सकते है | कई लोग होते है जो अपने आप को गुरु तो बोलते है लेकिन सही ज्ञान नहीं होता उनके पास बस किसी पुस्तक से साधना उठा कर बता देते है और आवश्यक नहीं की वह साधना प्रामाणिक ही हो, कपोल कल्पित साधना भी हो सकता है | इसलिए पूर्ण जानकारी के साथ ही किसी गुरु से साधना प्राप्त करे क्युकी आज के समय में सही गुरु बहुत कम है और लोगों को संकट में डालने वाले अधिक है |
३. राजसिक साधना करने वाला सात्विक साधना कर सकता है ?
उत्तर:- अगर कोई राजसिक साधक सात्विक साधना करना चाहे तो निश्चित रूप से वो सात्विक साधना कर सकता है | लेकिन जब आप सात्विक साधना करेंगे तो आपको सात्विक नियमों का पूर्ण रूप से पालन करना होगा | जब तक आप सात्विक साधना करेंगे तब तक आपको राजसिक जीवन का त्याग करना होगा क्युकी सात्विक साधनाओ के नियम का जब तक आप पूर्ण रूप से पालन नहीं करेंगे तब तक आपको सफलता नहीं मिल सकती है | इसलिए अगर आप सात्विक जीवन जीने में सक्षम है तो आप कोई भी साधना कर सकते है |