साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरूरी जानकारी 112
1. गुरु मंत्र का महत्व क्या है ?
उत्तर:- अगर आप गुरु मंत्र के महत्त्व के बारे में जानना चाहते है तो इस विषय मे गुरूजी ने बहुत सारी वीडियो पहले से बनाई हुई है और साथ ही साथ कई सारे प्रश्न उत्तरी भाग में भी इस प्रश्न को गहराई से समझाया गया है| लेकिन मूलता गुरु मंत्र, गुरु द्वारा प्रदप्त मंत्र होता है जो गुरु अपने शिष्य को दीक्षा संस्कार में प्रदान करता है और गुरु दीक्षा का महत्त्व आप इस बात के लगा सकते है की शास्त्रों ने कहा है की किसी भी प्रकार की पूजा, उपासना और साधना तब तक फलित नहीं होता जब तक व्यक्ति गुरु धारण नहीं कर ले इसलिए गुरु दीक्षा का अपने आप में बहुत महत्त्व होता है | गुरु मंत्र के माध्यम से साधक को भौतिक और आध्यात्मिक लाभ भी प्राप्त होता है |
२. शिशु जब गर्भ में हो तो क्या करे अच्छे संस्कारों के लिए ?
उत्तर:- अगर आपको संस्कारी पुत्र चाहिए तो आप अपनी पत्नी को और स्वयं को उन ९ महीनो के द्वारन बिलकुल शुद्ध सात्विक जीवन व्यतीत करे, आप किसी प्रकार से गंदे शब्दों का प्रयोग न करे और न ही गंदे बाते सुने या देखे, नित्य पवित्र कर्मो को करे, मंत्रो को जाप करे, ईश्वर की उपासना करे और आपकी पत्नी विशेष रूप से इन बातो पर ध्यान दे, क्युकी वह बालक उसी शरीर का एक अंश हो गया होता है इसलिए माता जो कार्य करती है उसका सीधा प्रभाव शिशु पर पढ़ता ही है | इसलिए जितना हो सके सात्विक जीवन जिए और अगर ऐसा किया जाए तो निश्चित रूप से उस शिशु में वही सब संस्कार आते है जिस प्रकार का जीवन उसकी माता ने उन ९ महीनो के द्वारन बिताया हुआ होता है |
३. आप कोई पुरुष तत्त्व साधना बताए जिसको हम गुरु मंत्र के पूर्ण अनुष्ठान के बाद कर सके और सफलता प्राप्त कर सके | क्युकी कई साधक मन से इतना प्रबल नहीं होते की वह अप्सरा साधना कर सके और उसमे अपना ब्रह्मचर्य का पालन कर सके इसलिए कोई सरल पुरुष तत्त्व साधना बताए जो सरलता से सिद्ध हो जाए |
उत्तर:- देखिये साधना तो कोई भी सरल नहीं होती है लेकिन फिर भी आप कोई भी साधना कर सकते है इसमें किसी प्रकार की समस्या नहीं है | अगर आप पुरुष तत्त्व साधना करना चाहते है और सिद्धि प्राप्त करना चाहते है तो आपको भैरव साधना करनी चाहिए यह सर्वोत्तम साधना है | लेकिन इस साधना में आपको मन से मजबूत होना पड़ेगा क्युकी साधना में और आप किसी भी प्रकार की साधना कर ले देवता आपकी परीक्षा लेता ही है इसलिए आपको इस चीज़ के लिए तैयार हो कर ही साधना करना चाहिए | साधना मार्ग डरपोक या भुजदिल व्यक्तिको के लिए नहीं है और हर कोई साधना कर भी नहीं सकता इसलिए अगर आप अपने आप में सक्षम है तब ही साधना करे और अगर आप सिद्धि नहीं करना चाहते है तो फिर आप भगवान शिव की साधना या पंच देवो में किसी की भी साधना संपन्न कर सकते है |