साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरूरी जानकारी 119
१. भगवान शिव श्मशान घाट में क्यों रहते हैं?
उत्तर:- भगवान शिव वैरागी माने जाते है, उन्हें किसी भी चीज़ का कोई मोह नहीं है | वो पूर्ण योगी होते हुए भी गृहस्त है, तीनों लोको के अधिपति और तीनो लोको का धन वैभव के स्वामी होते हुए भी सभी चीज़ो से निर्लिप्त है, पूर्ण योगी है, शमशान वासी है| और उनका शमशान में वास करना और ललाट पर चित्ता भस्म लगाना संसार की नश्वरता का प्रतीक है, संसार से मोह भंग होने का प्रतिक है, जीवन के सत्य को प्रदर्शित करने का प्रतिक है, जीवन की अंतिम गति को प्रदर्शित करने का प्रतीक है |
२. श्मशान घाट में रात को क्या होता है?
उत्तर:- जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो उसकी आत्मा तत्काल उस शरीर का त्याग कर देती है और वह आत्मा अगर पवित्र कर्मो वाली है तो उसकी गति भी उसी कर्मो के अनुकूल होगा | लेकिन जो मनुष्य अपने जीवन में केवल गलत कर्म करता रहा तो इस प्रकार के व्यक्ति प्रेत योनि में भटकते रहते है क्युकी उसकी पुण्य ऊर्जा उतनी नहीं है की वो अच्छे गति को प्राप्त कर सके इसलिए वो समशान या किसी अन्य स्थान में भटकते रहते है, जब तक की उस कर्म का फल नष्ट नहीं हो जाता | इसलिए शमशान में नकारात्मक शक्तियाँ अधिकतर विचरण करते है और रात्रि के समय इनका प्रभाव और इनकी शक्तिया बढ़ जाती है इसलिए कहाँ जाता है की रात्रि को शमशान में नहीं जाना चाहिए |
३. श्मशान में कौन निवास करता है?
उत्तर:- शमशान घाट में विभिन्न प्रकार की शक्तियाँ निवास करती है | यहाँ पर विभिन्न प्रकार के भूत, प्रेत, पिशाच, डाकिनी और राजसिक और तामसिक शक्तियाँ निवास करती है | यह एक माध्यम होता है उस लोक से संपर्क स्थापित करने का उनसे जुड़ने का और भगवान शिव स्वयं शमशान वासी है तो उनके जितने भी गण है, भूत प्रेत है, जितनी योगिनी शक्ति है उन सब निवास भी शमशान में होता है | लेकिन शमशान तब ही प्रभावशाली और भयंकर होता है जब आप शमशान घाट को विशेष मंत्रो की ध्वनियों के माध्यम से जागृत करे, तब कही शमशान की सारी शक्तियाँ जागृत होती है और अपना प्रभाव दिखाती है |
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