सूरज प्रताप के शिष्य की जीवन घटना
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज लेंगे एक ऐसे अनुभव को जिसमें शिष्यता प्राप्त किए एक शिष्य के जीवन की अपनी गाथा को उन्होंने अनुभव के माध्यम से बताया है। तो चलिए पढ़ते हैं इनके पत्र को और जानते हैं मेरे ही शिष्य की जीवन की घटना के विषय में।
ईमेल पत्र-चरण स्पर्श गुरुजी। धर्म रहस्य चैनल के सभी दर्शकों को मेरा नमस्कार। मैं अपनी आपबीती घटना के बारे में कुछ बताना चाहता हूं। मैं इसी चैनल पर 2018 से जुड़ा हुआ हूं। गुरुजी मेरा नाम है… और मैं छत्तीसगढ़ के…. गांव से रहने वाला हूं जिसमें मैं अपनी आपबीती पूरी घटना के बारे में बताना चाहता हूं। गुरु जी तंत्र मंत्र पूजा पाठ में मुझे बचपन से रूचि है। मैं और मेरे दो मित्र मिलकर तंत्र-मंत्र सीख रहे थे। तभी एक मित्र पर किसी महिला तांत्रिक ने काला जादू कर दिया। फिर मैं अपने मित्र को ठीक करने के लिए भोपाल तंत्र मंत्र विद्या सीखने चला गया। वहां मैं जिस गुरुजी के पास यह सारी विद्या सीख रहा था। गुरुजी वह फ्रॉड निकला। उसके पास पैसे नहीं थे तो मैंने अपने मित्र को बोला, इसको पैसे की जरूरत है। फिर मेरे मित्र ने पैसे भेज दिए। बाद में पता चला गुरुजी पैसे वह वापस नहीं करेगा। मैंने अपने मित्र को बोला, अगर गुरुजी पैसे नहीं देंगे तो मैं आपके पैसे दे दूंगा। बस इतनी गलती मेरे से हो गई। भोपाल में रहकर विद्या की प्राप्ति नहीं हुई। प्रतिदिन मेरे दोस्त से बातचीत होती रहती थी। जिसमें उसकी तबीयत बहुत अधिक खराब रहती थी और वह दोनों मित्र गांव में रहकर कहीं और ना जाकर तंत्र मंत्र विद्या सीख रहे थे। फिर एक मित्र मेरे पास भोपाल चला आया। मैंने उसको बोला कि हम लोग गांव में जाकर ही तुम्हारी तबीयत ठीक करेंगे। मैं अपने गांव में आ गया। 1 महीने बाद मैं और मेरे एक मित्र मिलकर! उसके घर पर ही तंत्र विद्या प्रयोग करने लगे, जिसमें मेरा मित्र ठीक हो गया। उसकी बीमारी जाना था फिर 2 दिन बाद। उस महिला तांत्रिक ने मुझ पर अपनी शक्ति का वार किया जिसमें मैं उसकी शक्ति सहन नहीं कर पाया। मेरी तबीयत 1 दिन के लिए खराब हो गई। फिर मैं वहां तांत्रिक के पास गया। अपनी तबीयत को ठीक कराने के लिए जिसमें मुझे पता चला। मैंने अपने दोस्त को ठीक किया था। उसी महिला ने मुझ पर भी उस शक्ति का प्रयोग किया। फिर मैंने अपनी यह घटना अपने दोस्त को सुनाई। फिर मेरे दोस्त मानने को तैयार नहीं था और कुछ बातों के लिए दोनों दोस्त मुझे छोड़ कर चले गए। उस दिन से उन दोस्तों से बात नहीं होती थी। गांव पर जब देखते थे, एक दूसरे से मिलते थे, फिर भी बात नहीं करते थे। मैं? अकेला पड़ गया था। मैं पूजा-पाठ अधिक करता था और मेरे दोस्त लोग सोचते थे कि हम उससे कम जानते है। तंत्र विद्या में हमारे गांव में एक लड़की को जिन पकड़ लिया था तो गांव के रहने वाले उस घर के व्यक्ति ने मुझे बुलाया। मैंने उसको बोला कि जाओ मेरे दोस्त को बुला लाओ। मैं उसका नाम नहीं बताना चाहता हूं। उसे इसलिए बुलाया क्योंकि वह मुझसे कितना आगे बढ़ गया है लेकिन वहां? दोस्त जिन को नहीं हटा पाया, फिर मैंने जैसे मंत्र प्रयोग किया। वह जिन हट गया मेरे दोस्त को पता चला कि यह मुझसे आगे बढ़ गया है हम दोनों में एक दोस्ती हो गई। पहले जैसी वह एक दोस्त अकेला पड़ गया। आज भी वह दोस्त हम दोनों को देखकर बहुत अधिक जलता है। हमसे बातचीत नहीं करता। बुरी संगत बुरी शक्तियों की आदतों में फस गया है। मैंने उसको बोला था कि मैं आपको ठीक कर दूगा। मैंने एक वादा पूरा किया। दूसरी बात बोली थी कि मैं तुमको जिन्न सिद्धि करा कर दूंगा। मैंने एक वादा पूरा किया और अभी एक वादा पूरा नहीं किया था। इन वादों को पूरा करने के लिए मैंने अप्सरा साधना और कर्ण पिशाचिनी साधना शुरू किया और। गुरुजी सूरज प्रताप के गुरु मंत्र से मेरा जीवन बदला। यह मेरी घटना 2016 की है।
गुरु जी मैं अप्सरा साधना को शुरू किया और किस लिए किया यह बताने जा रहा हूं। गुरु जी साधना करके मेरा जीवन बदल गया। बात 2021 में जुलाई महीने की है जिसमें शुक्ल पक्ष के शुक्रवार से साधना शुरू की थी। साधना सामग्री अप्सरा की फोटो साधना में जो जो सामग्री लगती है, सभी को इकट्ठा कर लिया था। फिर मैं साधना शुरू कर दिया। रात को 21 माला का संकल्प लिया था। गुरुजी मेरी अच्छे से साधना के 15 दिन हो गए थे। मेरी साधना को लेकिन 15 दिनों में मुझे कोई अनुभव नहीं हुआ था। 16वे दिन कोई लड़की आई मेरे सपने में और मेरा स्वप्नदोष हो गया। मुझे समझ में नहीं आया। मैंने किसी से पूछा फिर मैं बंद कर दिया। अगले महीने शुक्रवार को शुक्ल पक्ष की रात में फिर से मैंने साधना शुरू की। इस बार जैसे ही मैंने इसे शुरू किया। लगभग 15 से 16 दिन मुझे कमरे में किसी के होने का एहसास होने लगा। यह बात मैंने अपने आप के शिष्य विजय शर्मा को भी बताई थी जो कि मेरा गुरु भाई है, उससे बात भी होती रहती है। मुझे उस दिन डर लगा था। फिर जैसे तैसे साधना का जाप किया उस रात को फिर 20 से और 25 वें दिन होने तक बाद मुझे सुगंध का एहसास और मैं 21 दिन का संकल्प ले लिया था। गुरु जी मैं कड़ी मेहनत से साधना करता रहा। साधना के दिनों में किसी से जनसंपर्क दोस्त रिश्तेदारों से बातचीत भी नहीं करता था। घर में 21 दिनों से कहीं नहीं गया। कड़ी मेहनत से इसे करने की सोची थी। गुरुजी प्रतिदिन सुबह 7:00 बजे स्नान मंत्र का जाप करके मैं नहा लेता। यह मंत्र में प्रतीक भैया से लिया था जो खुशबू वाली सुगंधा अप्सरा का अनुभव डाले थे। यूट्यूब चैनल पर प्रतीक भैया से भी मैंने बहुत कुछ सीखा। आप? यूट्यूब चैनल के माध्यम से जिसमें मैं उसके लगभग आधे नियमों का पालन किया करता था। प्रतिदिन स्नान मंत्र पूजा पाठ करता था और दिन-रात उसी अप्सरा के बारे में सोचता रहता था। इंसान चाहे तो हर चीज हासिल कर सकता है, लेकिन उस चीज को हासिल करने के लिए उसके अंदर ऊर्जा और धैर्य की आवश्यकता होती है कोई इंसान? किसी को समझ नहीं सकता। गुरु जी आज के युग में मैं साधना करके बहुत कुछ सीख गया हूं। साधना के दिनों में मैं स्त्री से दूर और किसी लड़की से बात तक नहीं करता था। गुरु जी मुझे एक बात समझ में आ गई है कि मन में अगर विश्वास रखो और जिस नियत के साथ तुम कर्म करोगे, वही नियत के अनुसार तुम्हें फल अवश्य मिलेगा। मुझे ऐसा कभी नहीं लगा कि अप्सरा सिद्ध होगी या नहीं। मैं कभी ऐसा नहीं सोचा। जो होगा अच्छा होगा। इसलिए मैं साधना शुरू किया था। निस्वार्थ भाव से मैंने साधना की थी। गुरुजी साधना के दिनों में लड़कियां औरतें अप्सरा जैसी दिखती थी। वह मेरी तरफ आकर्षित होती थी। एक लड़की ने भी मुझे प्रपोज कर दिया था। एक महिला ने भी अपने साथ शारीरिक संबंध बनाने का प्रस्ताव उस वक्त दिया था, लेकिन मैंने मना कर दिया जो महिला थी। वह मेरे गांव की ही थी और जो लड़की है वह दूसरे मोहल्ले की थी, लेकिन मैंने ऐसा कभी सोचा ही नहीं। गुरु जी और कई सारी घटनाएं मेरे साथ घटित हुई हैं, लेकिन आज तक मुझे एक ऐसा दुखिया दर्द नहीं हुआ और मैं उसकी दया से उसकी सिद्धि की वजह से जीवन में बदलाव देख चुका हूं। मेरी आंखों में एक अलग सा आकर्षण और तेज दिखता है। जब मैं साधना करता हूं तो यह मेरे दोस्त लोग भी बोलते हैं कि सिद्धि एक ऐसी चीज है। गुरुजी जो मरने वाला व्यक्ति होता है, वह मर ही नहीं पाता। सिद्धि मिलने के बाद उसका जीवन ही बदल जाता है। अक्षरा ने मेरी बहुत मदद की है। गुरु जी और आज भी मेरा मार्गदर्शन हर छोटी मोटी सहायता द्वारा करती है। मुझे पैसे की जरूरत थी। गुरुजी तो उसी समय मैंने आपके इंस्टामोजो अकाउंट पर वैदिक कर्ण पिशाचिनी साधना खरीदनी चाहिए, जो मेरे अकाउंट में एक भी रुपया नहीं था। तब मैं दुकानदार बैंक चॉइस सेंटर पर गया। उसमें रुपए 180 अपने अकाउंट में डलवाया। चॉइस सेंटर ने रुपए 120 तो डाल दिए थे। बाद में मुझे पता चला कि मेरे अकाउंट पर 2150 है। जब मैं 15 दिन पहले साधना करके बंद कर दिया था। स्वप्नदोष
के समय उस रात को भी मैंने बोला था कि रुपए पंद्रह सौ की जरूरत है। गुरुजी जिसमें मुझे पता चला था कि कहीं से मेरे अकाउंट में ₹1500 आ गए थे। मैंने यह सब सारी बात अपने मित्र को बताई थी जो मेरे साथ रहता है तो उसने बोला कि वह सिद्धि आपके लिए कार्य कर रही है। मैं यह सब समझ गया हूं। मेरे अकाउंट पर अप्सरा ही है जो मेरे अकाउंट पर सीधे पैसा कहीं से व्यवस्था कर देती है। मैंने बैंक वालों को जाकर भी पता किया कि यह पैसे आते कहां से हैं, लेकिन बैंक वालों ने कोई जवाब नहीं दिया। कोई रिस्पांस भी नहीं मिला है। उनकी तरफ से पर मैं बहुत खुश हूं। गुरु जी लेकिन जब मेरे दोस्त ने बोला कि मेरे पास पैसे नहीं है तो मैंने अप्सरा से प्रार्थना किया कि मेरे को इतने पैसे की जरूरत है, लेकिन उसने पैसे भेजे ही नहीं। गुरु जी मुझे पता चल गया कि साधना और सिद्धि स्वयं के लिए कार्य करती है। दूसरे के लिए कार्य नहीं करती। कर्ण पिशाचिनी साधना मैंने इसलिए शुरू की क्योंकि किसी के बारे में जानने के मुझे बहुत इच्छा थी। गांव में ही किसी को भूत पकड़ लेता है तो। चेक करता हूं। नजर वाली की नजर झाड़ देता हूं। यह सब कार्य करता हूं जो तांत्रिक ओझा लोग भी करते हैं। किसी दूर व्यक्ति गांव शहर में जानना चाहता था क्योंकि तंत्र मंत्र में पहले तो जानकारी थी लेकिन किसी के बारे में पता नहीं चल पाता था। इसीलिए मैंने साधना शुरू की जिसमें 5 दिन हो गए थे। कर्ण पिशाचिनी साधना शुरू किए हुए और पांचवे दिन ही मेरे नारियल फूड जाना आसान में गंदी चीजों का दिखना यह सब देखकर मैंने साधना। बंद कर दी गुरु मंत्र का जाप तब शुरू कर दिया और अचानक से ही एक हफ्ता हो जाने के बाद गुरु मंत्र का जाप अधिक बढ़ गया, जिसमें तीव्र ऊर्जा आ गई थी। मेरे अंदर और कानों में अधिक दर्द होता था। गुरु जी अगर कोई मन में और किसी दूसरे कमरे में बात कर रहा होता था तो उसकी आवाज मेरे कानों में धीमी धीमी सुनाई देती थी। पूर्ण तो नहीं, लेकिन मैं यह सब चीज अपने मित्र को नहीं बताता। आज भी यह चीजें मेरे साथ घटित होती हैं। लेकिन मैं बहुत खुश हूं। अंदर ही अंदर कर्ण पिशाचिनी ऐसी देवी है जिसे किसी दूसरे व्यक्ति के बारे में आप जान सकते हैं। अगर आपके अंदर गुरु मंत्र की अधिक ऊर्जा और विश्वास है तो आप किसी को भी अपने। अधिकारी कार्य करवा सकते हैं। कर्ण पिशाचिनी मुझे दिखाई तो नहीं थी लेकिन अगर किसी व्यक्ति के बारे में जानने कि मुझे इच्छा होती है तो मन ही मन मुझे एहसास होने लगता है। कोई शक्ति अच्छी है या बुरी यह नहीं। गुरु जी आपने ही तो बोला था कि वह आपके मन को देखती है। कर्ण पिशाचिनी की सिद्धि तो प्राप्त नहीं हुई, लेकिन उसकी कृपा प्राप्त अवश्य हो गई है और मनुष्य को सिर्फ इतना ही चाहिए जिससे उसके कार्य बनते रहे। लालच भी नहीं करना चाहिए। अगर निस्वार्थ भाव से कार्य किया गया हो तो आपका कार्य अवश्य ही पूर्ण होता है। यह साधना मैंने 2 महीने में कंप्लीट की थी। गुरु जी यह दोनों अब चलते हैं अक्टूबर महीने में जब मैं लड़की देखने गया तो मेरा रे। फिक्स हो गया था। मैं सोचता था कि मेरा एक बार में ही रिश्ता तय हो जाए और ऐसा ही हुआ। वह अप्सरा की फोटो जो मैं साधना करता था, वैसे ही वह दिखती है जब मैंने अक्षरा और उनकी फोटो का मिलान किया तो दोनों एक जैसी ही लग रही थी। आपने बोला था कि अब जरा साधना करेंगे तो उसको अप्सरा जैसी ही लड़की मिलती है। बिल्कुल मेरे साथ वैसा ही घटित हुआ था। बात उन दिनों की है तो गुरुजी जब मेरे ससुराल वालों ने मेरे बारे में जानकारी इकट्ठा की होगी तो उन्हें पता चला कि लड़का खराब है और वह तंत्र मंत्र जानता है। वैसा सब कहां गया? क्या किया वह खराब है करके और बुराई तो हर गांव में किसी ना किसी के लोग करते ही हैं। गुरु जी लेकिन मैं फिर भी खुश हूं। मेरे बारे में बुरा ही सोचते होंगे तो भी बुराई उसी की करते हैं जिसे कोई बराबरी नहीं कर सकता हो। गुरु जी मैंने आज तक कोई बुरा कार्य नहीं किया है और ना ही मैं करूंगा। अब बताना चाहता हूं कि जो मेरा एक मित्र था, मैं उसे बोलता भी नहीं था। उसी के परिवार वालों ने यह सब कहा है, लेकिन मैं निराश नहीं हूं। ना मुझे कोई दुख है जो होगा मां पराशक्ति के ऊपर निर्भर है। गुरु जी क्योंकि मैं गुरु मंत्र का प्रतिदिन जाप करता हूं। जब तक मुझे गुरु मंत्र जाप किए नींद नहीं आती मैं रात को समय जाप कर लेता हूं और बहुत अच्छा लगता है। गुरुजी जब मैं मां परा शक्ति के आगे दो अगरबत्ती लगा कर उनकी पूजा-अर्चना करता हूं तो मेरे को कुछ समझ में नहीं आता।
गुरुजी ना मुझे कोई समझ पाएगा। घरवाले तो समझ गए हैं। मेरा हर बात मानते हैं, लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि मेरे ससुराल वाले मुझे कभी समझ ही नहीं पाएंगे। मेरे ससुराल वाले सोचते होंगे कि आज भी और हरदम सोचेंगे कि यह हमारा दामाद तंत्र मंत्र जानता है, लेकिन उसे कोई नहीं बता सकता कि मैं मां पराशक्ति की पूजा-अर्चना करता हूं। अगर कोई चीज आपको मिल जाए जैसा कि धन हो तो आप उस धन को अपनी जरूरत से ज्यादा जान से ज्यादा उसकी देखरेख करने में लगे रहेंगे इसी तरह में। मां शक्ति के ऊपर पूजा-अर्चना करता हूं, लेकिन कोई समझ ही नहीं पाया। साधना और संगीत एक जैसा ही है। गुरुजी जिसका मन लग गया। बस उसी में दिन-रात डूबा रहता है। किसी चीज में मन नहीं लगता है। मैं इस धरती के लोगों में फिर वापस नहीं आना चाहता हूं। मैं वापस आऊंगा। मुझे विश्वास है कि अगर मेरी पत्नी चाहे तो वह भी मेरे साथ मोक्ष प्राप्त कर सकती है, लेकिन वह मांसाहारी है। सबके लिए उसे मना भी नहीं करूंगा। गुरु जी अगर उसे जैसा लगे और जो चीज उसे चाहिए, मैं उसे हर चीज दूंगा। बस वह खुश रहे अपनी जिंदगी में अब बात करता हूं। गुरु जी अपने मित्र के बारे में जिसे मैंने जिन साधना करवा दूंगा करके बोला था और। गलत संगत में भी पढ़ चुका है मेरे मित्र से जब मैं बात नहीं करता था। उससे बात करने की इच्छा मेरे में प्रकट हुई। मैं सोच रहा था कि मैं उसकी भी मनोकामना पूर्ण कर दो। लेकिन एक दोस्त ने पड़ोस वाले ने मुझे बताया कि वह कर्ण पिशाचिनी और जिन साधना किया था लेकिन सिद्धि उसे नहीं मिली। यह सब बात मुझे मेरे पड़ोस वाले मित्र से पता चली तो मैं उससे बात करने के लिए उत्साहित था।
अपने मित्र से जो मैं उससे बात नहीं करता था। मैंने अपने मित्र से बोला, चला ऐसा करते हैं। तो मित्र ने बोल दिया पब्लिक प्लेस में इस तरह की बात ना करो। फिर मैं वहां से चला गया, लेकिन मुझे क्या पता था जब बोला था, मैं उसको लेकर चला गया। उसका जिन मेरे साथ ही आ गया, मेरी उर्जा के कारण उसको पता ही नहीं जो उसने साधना की है। उसकी सिद्धि उसे मिल गई है, लेकिन उसको एहसास ही नहीं होता। उसने कोई अनुभव ही नहीं किया है। गुरुजी प्रत्यक्ष दर्शन सिद्धि के लिए उसे गुरु मंत्र का जाप करना होगा। यह मुझे पता था। उसे नहीं पता। बस मैं उसको इतना ही बताना चाहता हूं कि गुरु मंत्र का जाप कर ले और अपनी सिद्धि पूर्णता सिद्ध कर ले। लेकिन वह समझने को तैयार ही नहीं है और उसे कोई बता भी नहीं सकता। मैं बोला था, वह बातों से मैं छुटकारा पा लेता। पर अब शादी तो मेरी। हो ही रही है तो मैं अपने मित्र कि यह काम भी कर लूं। शादी के बाद यह सब कार्य नहीं कर पाऊंगा ना किसी की मदद कर पाऊंगा क्योंकि शादी के बाद यह सब कार्य बंद ही कर रहा हूं। बस मां की पूजा, अर्चना और गुरु मंत्र का जाप करूंगा। वह भी अपनी पत्नी तक को पता नहीं चलने दूंगा क्योंकि किसी के बारे में कोई गलत सोच है और अगर तंत्र मंत्र गलत है। साधना गलत है तो यह गलती हम से हो गई है। गुरु जी कृपया आप हमारा मार्गदर्शन कीजिए। मैं इस वीडियो के माध्यम से बताना चाहता हूं। अपने मित्र को आप गुरु मंत्र का जाप कर अपनी मनोकामना पूर्ण करें जो आपको जीवन में चाहिए। वह सब आपको मिल जाएगा। चाहे तो आप मेरे से संपर्क भी कर सकते हैं जीमेल के माध्यम से।
इनका जीमेल है sureshkumarbanjare2000@gmail. संदेश- तो देखिये यहां पर इन्होंने कर्ण पिशाचिनी और अप्सरा साधना सिद्धि की और यह सिद्दीका उनको प्रतिफल इसलिए मिला क्योंकि उन्होंने गुरु मंत्र का जाप किया था। तो कोई भी व्यक्ति अगर गुरु मंत्र का जाप करके तांत्रिक साधनाएं करता है तो उसको सफलता मिलने का प्रतिशत बहुत अधिक बढ़ जाता है क्योंकि वह सारी शक्तियां उस साधक के अधीन आकर अपना भी उत्तरोत्तर विकास और उच्चतर लोक प्राप्त करना चाहती हैं। इसीलिए मैंने जो विधान बताया है उसी के अनुसार सभी को चलना चाहिए। इन्हें भी सिद्धि प्राप्त है और अधिक मेहनत करने पर सिद्धियां प्रत्यक्ष भी हो जाएंगी। लेकिन मूल उद्देश्य तो मोक्ष प्राप्ति ही है और इनके अंदर मोक्ष की कामना आ रही है तो यह बहुत ही उत्तम बात है। तो यह था आज का इनका अनुभव अगर आपको यह वीडियो पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।
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