नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत आज मैं आप लोगों की लिए लेकर आया हूं ह्रीं बीज मंत्र रहस्य के बारे में ।आज मैं बताऊंगा कि इसके रहस्य के बारे में क्या प्रचलित है ग्रंथों और पुराणों में । मंत्र उच्चारण से ध्वनि उत्पन्न होती है । ध्वनि का मंत्र के साथ विशेष प्रभाव होता है । जिस प्रकार किसी व्यक्ति वस्तु ज्ञानार्थी स्थान मे कुछ संकेत प्रयुक्त होते हैं। ठीक इसी प्रकार मंत्रों के द्वारा देवी देवताओं को संकेत द्वारा संबंधित किया जाता है । इसे बीज मंत्र कहते हैं। विभिन्न बीज मंत्र इस प्रकार से हैं
ॐ परमात्मा का बीज मंत्र हैं, ह्रीं माया बीज, श्रीं लक्ष्मी बीज, क्री काली, ऐं सरस्वती बीज, क्लीं कृष्ण बीज मंत्र हैं।।
ह्रीं माया बीज मंत्र, यह भुवनेश्वरी देवी का बीज मंत्र है इससे वशीकरण के शक्ति प्राप्त होती है। यह महा शक्तिशाली बीज मंत्र माया बीज मंत्र है जो ह्रौ > ह् = शिव ,= प्रकृति , नाद =विश्वात्मा, एव= बिंदु दुःख हरण है। अर्थात हे प्रकृति रुप मे शिव के साथ विद्यमान आदिशक्ति मेरी रक्षा करो मेरे दुख का हरण करो ।
स्नान मंत्र :विधि- जिस बाल्टी में आप नहाने का पानी लेते हैं उस पानी पर यह उपाय करना होगा। नहाने के पानी में आप अपने इंडेक्स फिंगर से यानी तर्जनी उंगली से त्रिभुज का निशान बनाईए इसके बाद एक अक्षर का बीज ह्रीं मंत्र इस पर लिखिए । इस प्रकार आप रोज यह प्रयोग करिए यह एक तांत्रिक प्रयोग है। इसमें किसी भी संशय का संकोच नहीं करना चाहिए अन्यथा इसका फल नष्ट हो जाता है ।
इस प्रयोग से आपके आसपास की नकारात्मक शक्तियां निष्प्रभावी हो जाती हैं और अगर आप पर किसी की बुरी नजर लगी है तो वह भी हट जाती है । इसके साथ आपके कार्यों में सफलता मिलने लगती है और आपकी मेहनत का पूरा फल आपको मिलने लगेगा। इस उपाय के साथ ही आपको अपने इष्ट देवी देवताओं का भी पूजन करते रहना चाहिए । यदि कोई व्यक्ति नदी मे स्नान करता है तो उसे नदी में ॐ लिखकर तुरंत उसके अंदर डुबकी मार लेनी चाहिए । इसी उपाय से नदी मैं स्नान करने का फल और मिलता है और आपके आसपास की नेगेटिव ऊर्जा समाप्त हो जाती है अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो तो धन्यवाद।।