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नवरात्री में चुड़ैल का घर आना सच्ची घटना भाग 5

नवरात्री में चुड़ैल का घर आना सच्ची घटना भाग 5

नमस्कार दोस्तों नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है नवरात्रि में चुड़ैल का घर आना सच्ची घटना यह पांचवा भाग है आज हम इस पत्र को आगे बढ़ाते हुए आगे की कहानी के विषय में जाने गे गुएक बात जो सबसे ज्यादा अजीब थी वह यह थी की यह देखने में आ रहा था कि हमारे पर दादा की भाभी जी अब कुछ डरी और सहमी सी रहती थी एक बार मेरे परदादा ने उनसे पूछा भी की आप इतना ज्यादा डर के क्यों बात करती है उनके चेहरे के भाव कुछ और ही दर्शाते थे लेकिन इसका कोई और विकल्प नहीं था कि वह कुछ बता पाती कि तभी वहाँ पर उनकी पत्नी आ जाती और वह कहती नहीं नहीं ऐसा कुछ भी नहीं है वो तो थोड़ा आजकल मेरी तबियत सही नहीं रहती इधर मेरे परदादा अपनी पत्नी से बहुत ज्यादा प्रसन्न थे वहाँ उनका इस प्रकार से रात्रि में मनोरंजन करती थी उसकी एक सीखी सिखाई वेश्या भी क्या करेगी क्योंकि वह काम कला में बहुत ज्यादा पारंगत थी

और अलग अलग तरीकों से उनके साथ रात्रि में सुख को प्राप्त करती थी इससे मेरे परदादा बहुत ज्यादा प्रसन्न उनके साथ रहते थे लेकिन इंसानी शरीर की कुछ सीमा होती है और वही सीमा अगर टूटने लगे तो फिर इंसान पराजित होने लगता है रोज़ इस प्रकार शारीरिक संबंध बनने की प्रक्रिया के कारण परदादा का शरीर कमजोर पड़ता जा रहा था और अब उनका मन इसके लिए तैयार नहीं हो पाता था लेकिन वह जबरदस्ती उनके साथ ऐसा करती उनके शारीरिक अंगों के साथ छेड़खानी करती कि किसी भी प्रकार से वह इस बात के लिए हमेशा तैयार रहें और उन्हें हर प्रकार से प्रसन्न रखें लेकिन हर एक भोग की एक सीमा होती है और इसी कारण से 1 दिन जब वह पूरी तरह रात में सज धजकर उनके पास आयी तो मेरे परदादा ने उन्हें मना कर दिया तो उन्हें इतना ज्यादा क्रोध आया कि उन्होंने मेरे परदादा को तमाचा मार दिया इस बात से उन्हें बहुत ज्यादा गुस्सा आया और उन्होंने कहा तुम्हारी इतनी हिम्मत कि औरत होते हुए तुम मुझ पर हाथ उठाओ तो उन्होंने भी बहुत ज़ोर से उन्हें मारा बस इतना ही होना था कि उसने अपनी ताकत पहली बार दिखाई उन्होंने मेरे परदादा को उठाया और जमीन पर धोबी पछाड़ की तरह पटक दिया यह बात सुनने में जितनी आसान लगती है किसी भी स्त्री को पुरुष को पटकने के लिए बहुत ज्यादा ताकत की आवश्यकता होती है

पर यह दुबली पतली और अतिसुंदर उनकी पत्नी में इतनी शक्ति कैसे आई कि वह परदादा को उठाकर पटकने इस बात को मेरे परदादा तो सोचते ही रह गए और चुपचाप जाकर दूसरे बिस्तर पर मुहं फुला कर सोने चले गए हालांकि उन्हें पूरी रात नींद नहीं आई थी लेकिन उनके मन में ये कहीं बात चल रही थी कि कहीं कुछ तो जरूर गडबड है तब 1 दिन जब वह नहा रहे थे कि तभी पीछे से वहाँ भी बाथरूम में आ गई और उन्होंने कहा अरे देव जी आप यहाँ पर तब पर दादा ने कहा हाँ आप अगर नहाना चाहे तो मैं बाहर चला जाता हूँ किताबी भावी बोल पड़ीं अरे देवर जी आपकी पीठ पर इतनी ज्यादा खरोंच है कैसे लगी है इसका क्या वजह है क्या कहीं गिर गए थे तो उन्होंने उन्हें कुछ भी नहीं बोला और आश्चर्य से देखने लगे तब भाभी ने कहा मैं मजाक नहीं कर रही हूँ देवरजी सच में आपकी पीठ तक इतनी ज्यादा खरोंचों के निशान हैं कि जैसे आप को चाबुक मारा गया हो यह बात उन्हें अभी तक पता नहीं थी भला कोई अपनी पीठ कैसे देख सकता है इसलिए उन्होंने शीशे के सामने जाकर जब देखा तो उनकी तो होश ही उड़ गए वह समझ गए कि रात्रि में जो होता है उस वक्त उनकी पत्नी ही अपनी नाखूनों से उनकी पीठ पर खरोंचे मारती है लेकिन आनंद की वजह से इस बात पर वह ध्यान ही नहीं दे पाते हैं अब तो और भी ज्यादा इस बात के लिए परेशान हो गए और अपनी ही पत्नी से डरने लगे वहाँ क्रोधित हो जाती इसीलिए उसकी बात को मानते और इस प्रकार उनके साथ जैसे एक लड़की के साथ उसकी बिना मर्जी के बलात्कार होता है ऐसा ही कुछ परदादा के साथ भी हो रहा था उन्होंने 1 दिन भाभी के पूछने पर सारी बात बता दी तब भाभी ने कहा मैं आज तक इसीलिए डरती रही की मैं आपको कुछ बता पाऊँ लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हुई

वैसे भी नवविवाहित जोड़े को तोड़ना मेरी मंशा कभी नहीं इसलिए मैंने आपको बहुत सारी बाते नहीं बताई है अब आप मेरी बात को ध्यान पूर्वक सुनें उस दिन जब आप इस लड़की की मांग में सिंदूर भर रहे थे तो उस दौरान मैंने खिड़की से आकर आप लोगों को देखा था और उस वक्त जो मैंने देखा आजतक भूल नहीं पाई यही देखने की वजह से मैं बेहोश हो गई थी तब मेरे परदादा ने पूछा भाभी आप बताइए कुछ भी मत छिपाइये की आपने क्या देखा तब उन्होंने कहा देवर जी आप यकीन नहीं करेंगे क्योंकि जो देखा वह कुछ भी इंसानी तो नहीं लगा आपने एक जलती हुई खोपड़ी को सिंदूर भरकर लगाया था और मैं स्पष्ट रूप से कह सकती हूँ कि वह कोई चुड़ैल थी मुझे पक्का यकीन है कि या तो यह लड़की जिसके साथ आप का विवाह हुआ है चुड़ैल है या फिर इसके अंदर कोई चुडैल आ गई है दोनों ही सूरतों में आपकी जिंदगी नरक बना देगी इसीलिए मेरी सलाह मानिए चुप चाप आप इस की बातें मानते रहिए ताकि इसे कोई शक ना हो मैं इतने दिनों से एक अच्छे तांत्रिक को ढूंढ रही थी मैंने पता लगा लिया है पास के ही गांव में एक तांत्रिक रहता है

आप किसी दिन चुपके से बाहर निकल जाइए और सारी बात उस तांत्रिक को बता दीजिए क्योंकि अब आपकी मदद ऐसा ही कोई तांत्रिक कर सकता है अन्यथा आप की तरह वह सबको ऐसा दंड देगी जिसकी कल्पना भी हम लोगो ने नहीं की होगी भाभी की बात को स्वीकार करते हुए 1 दिन वह अपनी पत्नी से प्रेम करने के दौरान बोले कल मुझे पास के गांव में जाना है वहाँ एक कार्यक्रम हो रहा है मुझे बुलाया गया है मेरे मित्रों ने आयोजित किया है तो मैं कल वहाँ जाऊंगा तब वह कहने लगी मैं भी साथ में चलू तो मेरे परदादा ने कहा नहीं तुम घर संभालो वैसे भी मैं शाम तक वापस लौटकर आ जाऊंगा तुम्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है इस प्रकार मूर्ख बनाकर वह सुबह ही दूसरे गांव के लिए निकल गए और वह तांत्रिक दुर्गा मंदिर में हवन करता हुआ उन्हें दिखाई पड़ा और जब वह उसके पास पहुंचे तब तक उसका हवन पूरा हो चुका था

तब उसने कहा कि मैं एक समस्या से घिर गया हूँ यही कहना चाहते हो न तो मेरे परदादा ने बोला हाँ आपको कैसे पता तो उन्होंने कहा देखो इस मंदिर में कोई बुरी शक्ति प्रवेश नहीं कर सकती अगर प्रवेश करें तो उसके पैरों के चिन्ह अजीब तरह से बन जाते हैं अपने पैरों के चिन्हों को देखो उनका आकार देखो यह जगह मैंने सिद्ध कर दी है इसलिए कोई भी जब यहाँ आता है तो मुझे पता चल जाता है तुम पर एक चुड़ैल का साया है इसलिए सावधान हो जाओ या तो अब तुम्हारी मृत्यु होगी या फिर तुम्हारे परिवार का सर्वनाश हो जाएगा यह सुनकर वह व्यक्ति बोला साधु महाराज आप पहुंचे हुए तांत्रिक है मेरी मदद कीजिए मैं आपको सबकुछ बताऊँगा और फिर मेरे परदादा ने उन्हें सारी बात बताई तो वहाँ कहने लगा अरे यह तुमने क्या किया तुमने तो चुडैल के साथ ही विवाह कर लिया है अब वह तुम्हें मरने के बाद ही छोड़ेगी इसे रोकना बड़ा कठिन काम होगा लेकिन मुझे माँ दुर्गा पर विश्वास है नवरात्रि आनेवाली है नवरात्रि के पहले दिन तुम घर में कलश की स्थापना करो और हो सके तो तुम उससे ही माता का दीपक प्रज्वलित करवाना वहाँ मना करेगी और किसी भी तरह वह यह कार्य नहीं करेगी और तुम्हें किसी भी प्रकार से यह कार्य करना ही है चाहे वह कितने भी बहाने बनाए तुम्हें अपने घर में कलश की स्थापना करना अनिवार्य है

ताकि माता आपके घर में विराजित हो जाए तब इसकी शक्तियां कम पड़ने लगेंगी और तब तुम इसे अवश्य ही पराजित कर पाओगे सारी विधि सीखकर मेरे परदादा घर वापस आ गए और उन्होंने कहाँ आने वाली नवरात्रि में भाभी हमें घर में कलश स्थापित करना है माता दुर्गा का और यह कार्य मेरी पत्नी के विषय में कुछ भी पता न चले और उससे यह बात तो बिल्कुल छिपाकर रख नी है इस प्रकार वह दिन आ गया नवरात्रि की सुबह सारी व्यवस्था हो चुकी थी इधर यह स्त्री रात के अपने पति के साथ हुए मनोरंजन से देर में ही उठी थी इसीलिए उसे कुछ भी पता नहीं चला और घर में सारी व्यवस्था हो चुकी थी जैसे ही वो मंदिर को देखी एकदम घबरा कर पीछे हट गई और मेरे परदादा ने कहा आओ हम लोग दीपक प्रज्ज्वलित करते हैं तब वह कहने लगी अरे यह क्या कर रहे हो रुको तब परदादा ने कहा नहीं तुम ही इस दीपक को प्रज्ज्वलित करोगी तो वह कहने लगी यह तुमने पहले मुझे क्यों नहीं बताया सारा कार्य मैं खुद करती पर देखो कितनी बड़ी विडंबना है मुझे मासिक धर्म शुरू हो गया और इस प्रकार वहाँ बच गई लेकिन दूर से कहने लगी आप आजकल मुझसे बातें छिपाने लगे हैं और उसने बड़ी ज़ोर से गुस्से में आकर नीचे रखी एक चटाई  को खींचा क्योंकि चटाई के दूसरे सिरे पर मेरे परदादा खड़े थे इसलिए वह फिसलकर जोर से गिरे और उन्हें चोट आ गई आगे क्या हुआ जानेगे अगले भाग में तो अगर आज का वीडियो आपको पसंद आया है लाइक करें शेयर करें सब्सक्राइब करे चैनल को आपका दिन मंगलमय हो धन्यवाद जय माँ पराशक्ति

नवरात्री में चुड़ैल का घर आना सच्ची घटना भाग 6

 

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