रतिप्रिया यक्षिणी का प्रेम और क्रोध
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम रतिप्रिया यक्षिणी की साधना के एक किए गए अनुभव के विषय में ईमेल पत्र के माध्यम से जानेंगे तो चलिए शुरू करते हैं। इनका यह पत्र और अनुभव और जानते हैं। इनके साथ इस संबंध में क्या घटित हुआ था? नमस्कार गुरु जी, मेरा नाम अनुराग सिंह है और मैं लखनऊ का रहने वाला हूं। यह अनुभव सिर्फ आपके ही चैनल पर भेजा जाएगा। इसकी मैं पूरी जिम्मेदारी लेता हूं। गुरु जी आपका चैनल मैं 2018 से देख रहा हूं और देखते देखते कितने साल बीत गए कि पता ही नहीं चला। आपकी आवाज बहुत अच्छी है और अट्रैक्टिव। खासकर जब आप कहानी सुनाते हैं तो ऐसा लगता है कि मैं वह सब टीवी पर देख रहा हूं। माता रानी से यही गुजारिश है कि आपका चैनल और आगे बढ़े। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक आपकी आवाज पहुंच सके। गुरुजी आपके चैनल से मुझे इतनी जानकारी मिली है कि मैं कैसे शुक्रिया अदा करूं? समझ नहीं आता गुरु जी मैं अब अपने अनुभव पर आता हूं। यह अनुभव पिछले 10-15 दिनों का है और यह अनुभव मेरे कजिन का है जो अभी 14 साल का ही है। गुरु जी मेरे कजिन भूत प्रेत और पारलौकिक दुनिया में बहुत रुचि रखता है। वह फोन पर अक्सर भूत के वीडियो सर्च करता रहता है और उनके बारे में जानकारी जुटाना चाहता है। गुरुजी वह अक्सर मुझसे इन सब चीजों के बारे में पूछता रहता है और मैं भी जितना जानता हूं उसे बता देता हूं। ऐसा ही एक दिन वह शायद आपके चैनल पर किसी का अनुभव सुन रहा था। वह अनुभव रतिप्रिया यक्षिणी का था।
उस अनुभव को सुनने के बाद उसे बहुत जिज्ञासा हुई। फिर वह मुझसे इस बारे में बातचीत करने लगा कि वह कहां रहती है, कैसी दिखती है और भी कई सारी बातें कुछ दिनों बाद मैंने देखा कि वह फिर से वही रतिप्रिया यक्षिणी के अनुभव को सुन रहा था। उस समय मैंने उससे कुछ नहीं बोला, लेकिन जब उसने मुझसे बोला कि वह भी अब रति प्रिया के मंत्र का जाप करेगा तो मुझे बोलना पड़ा। मैंने कहा, बस अब यही बाकी रह गया था। पढ़ाई तो करनी नहीं है। दिन भर बस मोबाइल देखते रहो। और डांट कर मैं वहां से चला गया। दूसरे दिन जब मैंने देखा कि वह फिर से मेरी मम्मी के फोन में वही अनुभव सुन रहा था तो फिर मैंने उससे इस बार प्यार से समझाया कि यक्षिणी और यह सब कोई मजाक की चीजें नहीं होती है। इसलिए तुम ज्यादा इनके बारे में अभी मत जानो लेकिन गुरु जी, वह नहीं मान रहा था और जब भी उसे मौका मिलता वह फिर से वही रति प्रिया के बारे में सर्च करने लगता था। रात में वह मेरे ही पास सोता है। एक रात मैंने उसे देखा कि वह कुछ मंत्र पढ़ रहा था। मुझे लगा कि भगवान का कोई मंत्र होगा। इसलिए मैंने कुछ नहीं बोला और सो गया। दूसरी रात भी वह सोने से पहले मंत्र जाप करने लगा। उसी समय मैंने सुना कि वह रति प्रिया करके कुछ बोल रहा था। मुझे शक हुआ। इन कहीं यह रतिप्रिया के मंत्र का जाप तो नहीं कर रहा, लेकिन फिर भी मैंने कुछ नहीं बोला। अगले दिन मैंने उससे पूछा कि तुम रात में कौन सा मंत्र जाप कर रहे थे? तो उसने बताया कि वह रतिप्रिया यक्षिणी के मंत्र का जाप कर रहा था। मेरा शक सही था। मेरे कई बार मना करने के बाद भी वह मंत्र जाप कर रहा था और ऐसा वह प्रतिदिन करने लगा। दूसरे ही दिन उसे एक सपना आया कि वह अपने घर पर है और उसकी शादी होने जा रही है। उसके सारे दोस्त डांस कर रहे हैं। वह एक ब्राउन कलर की कार में बैठा है। लेकिन तभी उसे किसी ने जगा दिया और सपना टूट गया। गुरुजी। उसने बताया कि वह सपना इतना रियल था कि आज तक उसने इतना क्लियर सपना कभी नहीं देखा। नॉर्मल सपने ज्यादा साफ नहीं होते लेकिन उसने बताया कि इतना साफ सब कुछ दिखाई दे रहा था। जैसे सामने सब कुछ हो रहा हूं। यह सपना उसी दिन के समय आया था। उसके बाद वह और ज्यादा मंत्र का जाप करने लगा। फिर एक दिन उसने रात में देखा कि वह अपने कोचिंग में पढ़ रहा है और क्लास की एक लड़की उससे बात बाहर देख रही है और जैसे वह कुछ कहना चाहती हो और दोस्ती भी करना चाहती हो। गुरु जी यह सपना भी एक दम असली जैसा पिछले वाला था। वैसा ही तीसरा दिन उसने देखा कि वो एक बस में जा रहा है और उसके साथ में एक लड़की भी है। दोनों एक दूसरे को बस में किस कर रहे हैं? और कोई कुछ नहीं बोल रहा। गुरुजी ऐसे सपने आने के बाद और भी ज्यादा एक्साइटेड हो गया और कहने लगा कि अब मैं उसका जाप करता रहूंगा। बहुत मजा आ रहा है। अगले 2 दिन तक कोई सपना नहीं आया तो आज थोड़ा उदास हुआ और कहने लगा कि काश फिर से कोई अच्छा सपना आ जाए। उसी रात उसने सपने में देखा कि वह अपने गांव में है और कई सारे स्कूल में एक नई लड़की आई है और उसका नाम शनाया है। वह लड़की क्लास की सबसे सुंदर लड़की थी। वह ज्यादा कुछ नहीं बोल रही है। बस बैठी है। एक दिन वह दोपहर में बेड पर बेसमेंट में लेटा हुआ था और यक्षिणी के मंत्र का जाप कर रहा था कि तभी उसने देखा कि एक सफेद रंग का धुआं जो बिल्कुल इंसान की तरह था, उसके एकदम पास आ रहा था। इस बार बहुत सपने में नहीं हकीकत में देख रहा था। उसको देखकर वह काफी डर गया और मुझे आकर बताया कि मैंने एक सफेद आकृति देखी है। मैं अभी तक यह सब अनुभव आपके चैनल पर चलता था तो कॉमन लगता था। लेकिन जब उस दिन मैंने सुना तो मैं भी काफी हैरान था गुरुजी उसके बाद। फिर आगे की जो घटना घटी वह इस प्रकार है। बाद में अचानक हुआ कि वह गायब हो गई। वह लेटा हुआ था, लेकिन यह उसे देखने के बाद वह उठ कर बैठ गया और भागकर सीधा मेरे पास आकर मुझे बताने लगा। वह थोड़ा डरा हुआ था लेकिन मुझसे छुपा रहा था। मैं उसे फिर समझाया कि अब! इस समय जाप करना बंद कर दो। इससे पहले कि कुछ गड़बड़ ना हो जाए, लेकिन गुरुजी वह नहीं माना और मेरे सामने ही कहने लगा कि अब तो मुझे रतिप्रिया के दर्शन करने ही हैं। जो भी होगा, मैं देख लूंगा। आप चिंता मत करो। मैंने भी ज्यादा कुछ कहना जरूरी नहीं समझा क्योंकि वह मेरी एक भी बात को मानने के लिए तैयार ही नहीं था। वह अपनी जिद पर अड़ा हुआ रहा। रोज की तरह जब भी मौका मिला तो वह जॉप करने लग जाता। 1 दिन फिर से वही वाइट आकृति दिन में उसे दिखाई पड़ी। लेकिन इस बार वह बिल्कुल नहीं डरा और अपनी जगह पर बैठा रहा। पिछली बार की। इस बार भी गायब हो गई थी। एक बात तो पक्की थी कि कोई ना कोई शक्ति एंट्रेक्ट हो सकती है और वह रतिप्रिया ही हो या मैं नहीं जान सकता। गुरु जी लेकिन उसके बाद अगले 2 दिन तक उसे कोई अनुभव नहीं हुआ। इस बार से वह काफी ज्यादा बेचैन हो रहा था। वह बार-बार यही कह रहा था कि मुझे रतिप्रिया के दर्शन करने हैं, लेकिन कुछ भी करना पड़े। फिर भी कोई अनुभव नहीं हो रहा था। फिर उसने मंत्र जाप करना बंद कर दिया और कहने लगा कि पता नहीं क्यों नहीं आ रही है। पहले तो अनुभव हो रहे थे। पर अब ना जाने क्यों गलती हो गई है मुझसे? एक दिन ऐसे ही वह गूगल पर अप्सरा उर्वशी के मंत्र के बारे में पढ़ रहा था। उसमें कई सारे फायदे लिखे हुए थे। वह सब देखकर वह काफी इंप्रेस हुआ और तुरंत ही उसने वह मंत्र याद कर लिया जो उस आर्टिकल में लिखा हुआ था। उसने अप्सरा उर्वशी के मंत्र का जाप शुरू कर दिया था। तीन-चार दिन तक तो कोई अनुभव उसे नहीं हुआ पर एक दिन उसने दोपहर के समय सपना आया कि उसके छोटे भाई की पुलिस उसे पकड़ कर ले जा रही है और घर में किसी बात को लेकर हंगामा मचा हुआ है कि इस सपने के बाद जब वह सो कर उठा तो एक बड़ी अजीब चीज देखी। उसके राइट हैंड में चोट चोट लगी हुई थी और काफी ब्लड आ रहा था। उसके हेल्थ पर कट का भी निशान थे। इस सपने के बाद वह काफी डर गया था। फिर मैंने उसे काफी डाटा और प्रॉमिस करवाया कि वह आगे से ऐसा नहीं करेगा। उसने बताया कि गुरु जी की उर्वशी के मंत्र का जाप से उसकी छोटी मोटी विश भी पूरी हुई। गुरुजी आपसे सवाल है कि ऐसा क्यों हुआ कि वह चोट के निशान आ गए। वह धुआं कौन था, इसके बारे में जरूर बताइएगा धन्यवाद! संदेश-तो देखिए यहां पर जब भी! साधक कम उम्र में हो और उस समय वह सामना करता है तो शक्तियां बहुत ज्यादा तेजी से अट्रैक्ट होती है क्योंकि यह उम्र में व्यक्ति का मन निश्चल होता है और ब्रह्मचर्य पूरी तरह कायम होता है। इसीलिए कम उम्र का साधक बहुत जल्दी शक्तियों को प्रसन्न कर लेता है और नए साधक को हर कोई पसंद भी करता है। इसीलिए केवल एक दो बार मंत्र जाप करने मात्र से कम उम्र के साधक की तरफ ऐसी शक्तियां प्रेम पूर्वक आकर्षित हो जाती है। तो सफेद धुआं का दिखना रतिप्रिया यक्षिणी ही थी लेकिन शक्तियों का दिखाई देना वह अपनी ऊर्जा से उन्होंने पूरी कोशिश की, लेकिन उनकी सामर्थ्य खत्म हो गई। जब तक साधक पूरे विधि विधान से गुरु मंत्र से दीक्षित होने के बाद उस साधना को नहीं करेगा और साधना में पूरा विधान पूर्वक जप तप और पूरी शक्ति नहीं लगाएगा तो सिद्धि प्राप्त नहीं होती है। उससे पहले केवल इतने ही अनुभव होंगे। इससे ज्यादा नहीं हो सकते हैं। लेकिन फिर भी इतने अगर उसे अनुभव हुए हैं तो निश्चित रूप से यक्षिणी आकर्षित थी और वह अपने स्वरूप को दिखा करके चली भी गई। दूसरी गलती उनसे यह हुई कि यक्षिणी का आकर्षण और प्रेम उन्होंने प्राप्त तो किया लेकिन तुरंत ही दूसरे अप्सरा की ओर दौड़े। यह अप्सरा उर्वशी की कम उम्र के कारण उर्वशी भी आकर्षित हुई और इनकी छोटी-मोटी इच्छाएं पूरी करने लगी, लेकिन इस बात को रतिप्रिया यक्षिणी बर्दाश्त नहीं कर पाई और उसी ने इनके ऊपर ऐसा प्रहार किया जिसकी वजह से इन को कष्ट हुआ है और चोट और इस तरह के निशान इनके जीवन में इनके शरीर के ऊपर आ गए हैं तो याद रखें। शक्तियां जिसके प्रति समर्पित होती हैं, उन से अपने संबंध बनाने लगती हैं और उनको अपने प्रियजन के रूप में देखते हैं। उनका वह शक्ति स्वरुप कोई दूसरी शक्ति आकर ले। यह बिल्कुल भी उन्हें बर्दाश्त नहीं होता है। यह भाग्यशाली है कि उसने इन्हें ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाया क्योंकि ना तो इनके पास गुरु मंत्र है और ना ही किसी मंत्र का कोई रक्षा कवच इसलिए सबसे पहले गुरु मंत्र दीक्षा लेनी चाहिए और उसके बाद ही इस तरह की तांत्रिक साधना को करने के विषय में सोचना चाहिए तो यह था रतिप्रिया यक्षिणी का एक अनुभव अगर आपको पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।
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